कोरोनाकाल में बकरीद पर ईको फ्रेंडली बकरे की कुर्बानी की अपील

विकास सिंह

सोमवार, 27 जुलाई 2020 (19:55 IST)
बकरीद का त्योहार नजदीक है,बाजार में कुर्बानी के लिए बकरों की डिमांड इस समय खूब है। ऐसे में इस बार भोपाल में ईको फ्रेंडली बकरे भी आए है। दरअसल भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने कोरोना को देखते हुए मुस्लिम भाईयों से अपील की है कि वह ईको फ्रेंडली बकरे की कुर्बानी दें।  

संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक संस्कृति बचाओ मंच के आह्वान पर मूर्तिकारों ने इको फ्रेंडली बकरों का निर्माण किया है। मिट्टी से बनाए गए इन ईको फ्रेंडली बकरे की शुरुआती कीमत 1 हजार रुपए है। ईको फ्रेंडली बकरे को बनाने वाले मूर्तिकार कहते हैं की कीमत बकरे के साइज के हिसाब से तय होगी।

ईको फ्रेंडली बकरे को तैयार करने के लिए पहले घास का ढांचा तैयार किया जाता है, फिर से उस पर मिट्टी से बकरे का आकार देकर उस रंग रोगन किया जाता है। मूर्तिकार कहते हैं कि कोरोना काल में पहले से ही उनके सामने रोजी रोटी का संकट है,ऐसे में अगर लोग ईको फ्रेंडली बकरा लेने आते है तो  उनकी काफी मदद होगी।
ईको फ्रेंडली बकरे बनाने की वजह बताते हुए चंद्रशेखर तिवारी कहते हैं कि पर्यावरण की रक्षा के लिए जब हम सूखी होली खेल सकते हैं फूलों की होली खेल सकते हैं प्रदूषण और पर्यावरण बचाने के लिए दीपावली पर पटाखे नहीं चलाने दिए जाते हैं।

यहां तक गणेश और दुर्गा जी मूर्ति भी इको फ्रेंडली तैयार हो रही है ऐसे में प्रदूषण बचाने की जिम्मेदारी पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी हिंदुस्तान के हर नागरिक की है इसलिए मुस्लिम धर्मावलंबियों से अपील करते हैं कि इको फ्रेंडली बकरों की कुर्बानी देकर प्रतीकात्मक कुर्बानी दे और पर्यावरण की रक्षा करें।
 
वह कहते हैं आज जब हम सब कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे है तब यह जरूरी है कि ईको फ्रेंडली बकरे की कुर्बानी कर महामारी से लड़ने मे सहायता करें। भोपाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते 10 दिन टोटल लॉकडाउन में प्रशासन ने सार्वजनित तौर पर पहले ही सार्वजनिक तौर कुर्बानी पर रोक लगा दी है, ऐसे में संस्कृति बचाओ मंच ने यह अपील कर नई बहस छेड़ दी है।

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