भोपाल। निसर्ग तूफान के चलते मध्यप्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। लगातार बारिश होने से जहां आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है वहीं बारिश की मार किसानों पर भी पड़ी है। बारिश के चलते खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़ा किसानों का हजारों क्विटंल गेहूं बर्बाद हो गया है ।
सीहोर के आष्टा से खरीदी केंद्रों की जो तस्वीर सामने आई है वह बताती हैं कि किसानों की मेहनत पर एक बार फिर पानी फिर गया है। खरीदी केंद्र पर खुले में रखा सैकड़ों क्विंटल गेहूं भीग गया है वहीं लापवाही का आलम ये भी है कि बारिश की पहले से चेतावनी के बाद भी खरीदी के बाद बोरे में रखे गेहूं की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए जिससे वह अब बारिश में भीगकर खराब हो रहा है।
अचानक हुई बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। छतरपुर में खुले में रखा किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं बारिश के चलते बर्बाद हो गया है।
बारिश से बर्बाद हुए अनाज के लिए कहीं न कहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही जिम्मेदारी बताई जा रही है। निसर्ग तूफान के चलते मौसम विभाग पहले से ही बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार जाग नहीं पाए।
निसर्ग तूफान का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, भोपाल और होशंगाबाद संभाग में देखा जा रहा है और यहां लगातार बारिश का दौर जारी है।
कोरोना संकट के चलते मजदूरों की कमी के चलते अब किसानों से जो लाखों क्विंटल गेहूं खरीदा गया है वह वेयरहाउस और गोडाउनों में नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में अब तूफान के चलते हो रही लगातार बारिश से खुले में पड़े लाखों क्विंटल गेहूं के बर्बाद होने का खतरा मंडराने लगा है।