भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद अब महाशिवरात्रि का त्यौहार भी फीका पड़ सकता है। हर साल महाशिवरात्रि पर उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में लाखों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इस बार 20 से 25 हजार तक सीमित रहेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की कोरोना को लेकर हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने दी।
बैठक में बताया गया कि उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व पर 1 लाख से अधिक श्रद्धालु आमतौर पर जुड़ते हैं, जिनकी इस वर्ष अनुमानित संख्या 20 से 25 हजार ही होगी।
प्रदेश के महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती जिलों में कोरोना के कुछ नए प्रकरण सामने आने पर मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए इन जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि कहीं पड़ोसी राज्य से आने-जाने वालों की वजह से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में समस्या का विस्तार न हो जाए। मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में इस सप्ताह सामने आए कोरोना के कुछ प्रकरणों की जानकारी प्राप्त की और आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश वीडियो कांफ्रेंस द्वारा संबंधित कलेक्टर को दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल और इंदौर महानगर में आज क्रमशः 90 और 156 प्रकरण सामने आए हैं। इसको देखते हुए सभी एहतियात बरतें। इसके साथ ही अन्य नगरों में भी आवश्यक एहतियात बरतना आवश्यक है।
प्रदेश में कोरोना की वर्तमान स्थिति : बैठक में बताया गया कि देश में 13 हजार 123 और मध्यप्रदेश में 293 केस रिकवर हुए हैं। अस्पतालों के अधिकांश ऑक्सीजन और आईसीयू बेड खाली हैं। जो रोगी पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें करीब दो तिहाई घर पर ही उपचार लाभ ले रहे हैं। दाखिल होने वाले रोगियों की संख्या निरंतर कम हुई है।
मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट 97.4 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय प्रतिशत 97.1 से अधिक है। प्रदेश में प्रति 10 लाख 68 हजार 305 टेस्ट किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में भी कुछ प्रकरण सामने आए हैं। इनमें बैतूल और छिंदवाड़ा में आज 14 -14 प्रकरण मिले हैं। बुरहानपुर में 8 प्रकरण मिले हैं। झाबुआ में 4, बड़वानी और खंडवा में 3-3 प्रकरण मिले हैं।