मध्यप्रदेश में अब हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई, अमित शाह बोले- पीएम की प्रेरणा से ये संभव हुआ

रविवार, 16 अक्टूबर 2022 (12:52 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में अब MBBS की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में भी होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को हिंदी में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की।
 
अमित शाह ने भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम में शामिल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से यह काम संभव हुआ है। पढ़ाई, लिखाई, रिसर्च सब मातृभाषा में होना चाहिए। जल्द ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में होगी।

अमित शाह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है। नेल्सन मंडेला ने कहा था कि यदि व्यक्ति से उसकी मातृभाषा में बात करें तो वह बात उसके दिल में पहुंचती है। दुनियाभर के शिक्षाविदों ने मातृभाषा में शिक्षा को महत्व दिया है।
 
उन्होंने कहा कि जो लोग मातृभाषा के समर्थक हैं उनके लिए आज का दिन गौरव का दिन है। तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा में हिंदी पाठ्यक्रम की शुरुआत कर भाजपा सरकार ने इतिहास रचा है। सरकार के इस प्रयास ने उन्हें भी जवाब दिया है, जो इस कदम को असंभव बता रहे थे।

उन्होंने कहा कि मातृभाषा में व्यक्ति सोचने, समझने, अनुसंधान, तर्क और काम बेहतर ढ़ंग से किया जा सकता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि भारतीय छात्र जब मातृभाषा में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा का अध्ययन करेंगे तो भारत विश्व में शिक्षा का बड़ा केन्द्र बनेगा।
 
महात्मा गांधी जी कहते थे कि मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था देश की सच्ची सेवा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति के माध्यम से क्षेत्रीय और मातृभाषा को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर आप अपनी प्रतिभा का और बेहतर तरीके से प्रदर्शन करने के लिए स्वतंत्र हैं। 
 
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एमबीबीएस छात्रों के लिए बायोकेमिस्ट्री (जीव रसायन), एनाटॉमी (शरीर रचना-विज्ञान) और मेडिकल फिजियोलॉजी (शरीर क्रिया विज्ञान) विषयों के लिए हिंदी भाषा में पाठ्यपुस्तकों को जारी किया।
 
सीएम शिवराज ने कहा कि हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले हमारे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे चाहकर भी डॉक्टर नहीं बन पाते हैं, क्योंकि अंग्रेजी भाषा उनके सपने को पूरा करने में सबसे बड़ी बाधा बनती है। मध्यप्रदेश में अब हिंदी माध्यम के बच्चे भी डॉक्टर बन सकेंगे।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जिनके हाथों में सत्ता थी उन्होंने देश में अंग्रेज़ी की मानसिकता को खत्म नहीं होने दिया। मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं को खत्म करने में उनकी भूमिका रही। ऐसे लोगों के कारण देश में अंग्रेजी भाषा का साम्राज्य बढ़ा। 

मध्यप्रदेश में मेडिकल शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आज़ादी के 75 वर्षों बाद चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन हो रहा है। हिंदी भाषा में मेडिकल शिक्षा की शुरुआत करने में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।

हिंदी में लिखे दवाओं के नाम : इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में हिन्दी की व्यापकता एक विमर्श कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में शिवराज ने डॉक्टर्स से मरीज के पर्चे पर हिन्दी में दवाई का नाम लिखने की अपील की।
 
मुख्यंमत्री ने कहा कि हिन्दी में लिखने में क्या परेशानी है। क्रोसिन (दवा) लिखना है तो उसे हिन्दी में नहीं लिख सकते हैं। इससे क्या दिक्कत होगी। ऊपर Rx की जगह श्री हरि लिखो और दवा का नाम लिख दो हिन्दी में। यहां गांव-गांव में डॉक्टर की जरूरत है, हिन्दी में लिखेंगे, इसमें क्या दिक्कत है? यहां डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वे तरीका निकालेंगे।

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