अशोकनगर। खुली जेल और गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम से पहचानी जाने वाली मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मामला विधानसभा उपचुनाव का है। इस उपचुनाव पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के प्रत्याशी गौण हो गए हैं और मुकाबला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच माना जा रहा है। इसे 2018 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है, इस कारण यह मुकाबला बेहद खास बन गया है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपनी पूरी ताकत यहां झोंक दी है। भाजपा के प्रचार की कमान चौहान ने खुद संभाल रखी है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में दर्जनों सभाएं और कई रोड शो किए। कांग्रेस की तरफ से पूरी जिम्मेदारी सिंधिया के कंधों पर है। उन्होंने भी पिछले कई दिनों से लगातार इस क्षेत्र में सभाएं और रोड शो किए।
264 मतदान केंद्रों वाले इस विधानसभा क्षेत्र को भाजपा ने 25 सेक्टरों में बांटा है और प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह, प्रभारी मंत्री जयभान सिंह पवैया, मंत्री नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह और मंत्री पारस जैन को अलग-अलग आधार पर क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा के उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रभात झा और अरविंद भदौरिया को क्षेत्र का प्रभारी बनाकर गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा कई निगमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अलग-अलग क्षेत्र के विधायक भी जातिगत वोटों में सेंध लगाने के लिए तैनात किए गए हैं।
विधानसभा क्षेत्र को 29 सेक्टरों में बांटकर कांग्रेस ने उसकी जिम्मेदारी पूर्व विधायक तुलसी सिलावट, गोविंदसिंह राजपूत, प्रभूसिंह चौधरी, पूर्व मंत्री रघुवीर सिंह और बमौरी विधायक संजय सिसौदिया को दी है। राकेश मावई क्षेत्र के प्रभारी हैं, जो क्षेत्र के साथ भाजपा की गतिविधियों पर नजर रखे हैं। साथ ही प्रत्येक पोलिंग बूथों के एजेंटों से भी सतत संपर्क में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के कई विधायक और पदाधिकारी भी क्षेत्र में लगातार घूम कर पार्टी के लिए वोट मजबूत करने में लगे हुए हैं।
उपचुनाव में कई स्थानीय मुद्दे जैसे सिंचाई व पेयजल, किसानों को फसलों का उचित मूल्य, बहादुरपुर में कृषि उपज मंडी, मुंगावली मंडी को नवीन परिसर में शिफ्ट कराना, पिपरई व बहादुरपुर स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन, थूबोन में डॉक्टर की पदस्थापना के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पुल-पुलियां, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था लोगों के मतदान पर असर डालेंगे। मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक लगभग 56 प्रतिशत मतदाता पिछड़ा वर्ग के हैं। यही वर्ग यहां पर किसी भी प्रत्याशी की हार या जीत तय करेगा।