प्रमोद को एम्बुलेंस से करेली अस्पताल रवाना किया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया है। पुलिस ने सक्रियता दिखात हुए निजी मशीनों की मदद से एक जान बचा ली, लेकिन जिस नेशनल हाइवे अथॉरिटी की इस रेस्क्यू में पहली जिम्मेदारी थी उसकी भूमिका बिल्कुल भी नजर नही आई।