floating solar project : मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में 90 मेगावॉट बिजली (90 MW power) पैदा करने वाली मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना (floating solar project) चालू हो गई है। राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने भोपाल में एक बयान में कहा कि 646 करोड़ रुपए की लागत वाली ओंकारेश्वर 'तैरती सौर परियोजना' 8 अगस्त को शुरू की गई।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत विकसित की गई है और यह भारत का सबसे बड़ा सौर पार्क और मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर ऊर्जा परियोजना है। मंत्री ने कहा कि इस परियोजना का क्रियान्वयन एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के चालू होने पर एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता बढ़कर 2466.50 मेगावॉट हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से पहले वर्ष में 19.65 करोड़ यूनिट तथा अगले 25 साल में 462.93 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि चालू होने के बाद परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 2.3 लाख टन की कमी आएगी तथा वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य करने के केंद्र सरकार के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
शुक्ला के अनुसार परियोजना से जल वाष्पीकरण में कमी लाकर जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी। परियोजना को 3.26 रुपए प्रति यूनिट की दर से 25 वर्षों के लिए 'निर्माण, अधिग्रहण और परिचालन' (बीओओ) के आधार पर प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली के माध्यम से विकसित किया गया है। ओंकारेश्वर बांध के बैकवॉटर पर तैरता ऊर्जा संयंत्र विकसित किया गया है।(भाषा)