कांग्रेस का परिवारवाद: कमलनाथ को मुख्यमंत्री और बेटे नकुलनाथ को सांसद बनाने के लिए दिलाई गई कसम

विकास सिंह

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023 (13:12 IST)
भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष न बनकर भले ही राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को परिवारवाद से किनारा करने की नसीहत दी हो लेकिन मध्यप्रदेश सीनियर कांग्रेस नेता अपने परिवार को बढ़ावा देने में पूरी तरह जुटे हुए है। पहले रायपुर में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन में डेलीगेट की सूची में पिता-पुत्रों के हावी होने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को मुख्यमंत्री और बेटे नकुलनाथ को सांसद बनाने की कसम खिलाने का मामला सामने आया है।

सोशल मीडिया पर छिंदवाड़ा के वायरल वीडियो में कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने और उनके बेटे नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से सांसद बनाने के लिए शपथ दिलाते नजर आ रहे है। मध्यप्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का पूरा फोकस अपने संगठन को मजबूत करने के साथ गुटबाजी और भितराघात को रोकने पर भी है। चुनावी साल के पहले दिन से कांग्रेस ने पहले कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री और फिर अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बताने के साथ अब कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कसम खिलाने का मामला सामने आया है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कसम खाने का वीडियो ऐसे वक्त सामने आया है जब कांग्रेस में कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने पर ही काफी हंगामा पहले ही मच चुका है। मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओर से कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह और अरूण यादव ने सवाल उठा दिए थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा था कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है और चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पर फैसला होता है। वहीं इससे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने भी कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री कहे जाने पर सवाल खड़े किए थे।  

भाजपा ने कसा तंज- वहीं कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने और बेटे नकुलनाथ को सांसद बनने की कसम खिलाने के वायरल वीडियो पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि पिता-पुत्र का छिंदवाड़ा में कसम खाने का वीडियो देखा। उद्योगपति कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनते हुए कांग्रेस के अंदरूनी लोकतंत्र का कबाड़ा कर दिया। न संसदीय दल की बोर्ड की बैठक और न विधायक दल की बैठक की कोई अहमियत बची है। न खाता ना बही, जो कमलनाथ कहें वही सही।

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