वेबदुनिया से बातचीत में मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवदी कहते हैं कि जिस तरह महिलाओं के प्रति क्रूर यौन हिंसा के मामले बढ़ रहे है उसके पीछे मनोविकृति का ऐसा कॉकटेल है जो पूरे समाज में एक जहर की तरह फैल चुका है। वह कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में पॉर्न एडिक्शन के चलते महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। आज इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध होने वाली पोर्न समाग्री रेप जैसे अपराधों को बढ़ावा देने का सबसे बड़ा कारण साबित हो रही है। अगर रेप की सभी घटनाओं को उठाकर देखे तो उसके पीछे अपराधियों की पॉर्न देखने की लत और शराब को बड़ा कारण पाया गया है।
वहीं ऐसे मामले में जहां महिलाओं के साथ रेप और गैंगरेप की घटनाओं के बाद हैवानियत करते हुए उनके साथ क्रूर हिंसा भी की गई है वहां पाया गया है कि अपराधियों ने पोनोग्राफी और शराब की लत के चलते अपराध को अंजाम दिया है। वह कहते हैं कि सीधी, खंडवा और नागदा में जिस तरह हैवानियत के मामले सामने आए है वह पोर्न और शराब का ऐसा कॉकटेल है जो ऐसी वीभत्स घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।
डॉक्टर सत्यकांत कहते हैं कि इंटरनेट में फ्री में उपलब्ध पोर्न वीडियो को आज एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हो रहा है। ऐसे पोर्न वीडियो में महिलाओं के साथ हिंसा को जिस तरह एक संतुष्टि के रूप में परसो जाता है उससे एक गलत मैसेज जाता है। ऐसे में शराब के नशे में लोग महिलाओं की न को भी हां के रूप में देखते है और वह क्रूर हिंसा का शिकार बन जाती है।
डॉक्टर सत्यकांत कहते हैं कि इंटरनेट पर उपलब्ध पोर्न को लेकर जिस तरह पिछले दिनों मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिंता जताते हुए इसको रोकने के लिए ऑउट ऑफ बॉक्स जाकर नीति बनाने की बात कही है। उसके लिए मेरा सरकार को सुझाव है कि वह सेक्स एजुकेशन को अपने स्कूल के सिलेबस मे लागू कर युवा पीढ़ी को पोर्न के चंगुल में फंसने से बचाने की कोशिश करनी चाहिए।