भोपाल। हरदा में पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट के 24 घंटे के बाद भी आग अभी भी सुलग रही है। घटना स्थल पर NDRF और SDRF के साथ पुलिस और जिला प्रशासन की टीम राहत बचाव काम में जुटी है। ब्लास्ट में अब तक 11 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है, वहीं 200 से अधिक घायल है। भोपाल और इंदौर रेफर किए गए कुछ घायलों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। हरदा कलेक्टर के अनुसार अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है और अब तक मृतकों की संख्या 11 है।
हादसे पर सियासत- वहीं हरदा ब्लास्ट पर अब सियासत गर्मा गई है। विपक्ष ने आज विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन कार्यवाही के दौरान हरदा ब्लास्ट मामले को लेकर जमकर हंगामा किया। विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का वॉकआउट करने के साथ हरदा ब्लास्ट को लेकर सरकार को जमकर घेरा। वहीं राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कांग्रेस के विधायकों ने सदन की गैलरी में जमकर हंगामा किया।
हादसे के पीछे लापरवाही- वहीं हरदा ब्लास्ट के पीछे प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आ रही है। पटाखा फैक्टरी में 2015 में भी हादसा हुआ था और दो लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में फैक्टरी मालिक को राजेश अग्रवाल को 10 साल की सजा हुई । वहीं तत्काली एसडीएम की रिपोर्ट पर कलेक्टर ने फैक्टरी को सील करने का आदेश दिया था, लेकिन तत्कालीन कमिश्नर ने कलेक्टर के आदेश पर स्टे दे दिया था औऱ फैक्टरी फिर से खोल दी गई थी। ऐसे में अब एक बार बड़े हादसे के बाद प्रशासन की कार्यवाही पर सवालिया निशान उठ रहे है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जब कलेक्टर ने सील कर दिया था, तब कमिश्नर ने क्यों स्टे दिया। इस फैसले के पीछे कौन था, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फैक्टरी मालिक की भाजपा नेताओं के साथ मिलीभगत थी, अब सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
वहीं हरदा ब्लास्ट से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में संचालित पटाखा फैक्टरियों के संचालन के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि 24 घंटे में प्रतिवेदन भेजें उनके जिले में संचालित फटाका फैक्ट्री का संचालन नियम अनुसार हो रहा है कि नहीं।