Harda Blast: पेटलावद से हरदा तक, मध्‍यप्रदेश में विस्‍फोटों में क्‍यों नहीं थमता मौतों का सिलसिला?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 6 फ़रवरी 2024 (16:02 IST)
Harda Blast: हर जगह और हर बार। एक से हादसे और एक सी लारपरवाही। कई मौतें और कई आग में झुलस गए। कई घर तबाह हो गए कई उजड़ गए। इंदौर हो, पेटलावद, राऊ या अब ताजा मामला हरदा का हादसा। मध्‍यप्रदेश में के इन शहरों में आए दिन पटाखों की अवैध फेक्‍ट्रियों और दुकानों में सैकड़ों लोग मारे जाते हैं। ये मरने वाले गरीब मजदूर और कर्मचारी होते हैं।

प्रदेश के पेटलावद में सितंबर 2015 में खौफनाक हादसा हुआ था। अब साल 2024 में ठीक वैसा ही हादसा हरदा में हुआ है। हरदा में हुए पटाखा फेक्‍ट्री के विस्‍फोट में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 60 लोग झुलसे हैं। 2 घंटे तक विस्‍फोट होते रहे। जो लोग दूर चल रहे थे वे भी धमाकों से कई फिट ऊपर उछल गए। आसपास के 60 घर आग की चपेट में आकर जलकर खाक हो गए। 15 किमी तक इन धमकों का असर हुआ है।

कैसे चल रहे मौत के कारखाने : प्रशासन ने वही हर बार की तरह मुआवजे का एलान कर जांच के आदेश दिए हैं। कौन जिम्‍मेदार है और मृतकों के तबाह हो चुके परिवारों को कैसे सुकून मिलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। न यह जवाब है कि इस तरह की अवैध फेक्‍ट्रियां रहवासी इलाकों में कैसे चल रही थी। जानते हैं मध्‍यप्रदेश में कब कब हुए हैं ऐसे हादसे और कितने लोगों की मौत इन विस्‍फोटों में हो चुकी है।

क्या हुआ था पेटलावद में?
79 लोगों की मौत: मामला 12 सितंबर 2015 का है। जहां सुबह एक पटाखा फैक्‍ट्री में विस्‍फोट हुआ था। इस विस्फोट में 79 लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह विस्फोट मकान में अवैध रूप से रखी जिलेटिन राड़े और डेटोनेटर के चलते हुआ था। हादसे में चारों ओर लाशों का ढेर लग गया था। इसमें मुख आरोपित पेटलावद निवासी राजेंद्र कांसवा को बनाया गया था, जिसकी भी इस विस्‍फोट में मौत हो गई थी। बता दे कि इस विस्फोट की गूंज प्रदेश सहित देश-विदेश में भी गूंजी थी। जिसमें तत्कालिन प्रशासन और मुख्यमंत्री को जनता के विरोध के चलते 3 दिन तक पेटलावद क्षेत्र में प्रवास भी करना पड़ा था।

10 मौतें : इंदौर का रानीपुरा ब्‍लास्‍ट : इंदौर के व्यस्त व्यावसायिक और रिहायशी इलाके रानीपुरा में अवैध तरीके से चल रहे पटाखा गोदाम में आग लगी थी। पूरा इलाका धमाकों से गूंजने लगा। आसपास की दुकानों और गोदाम में बैठे लोग कुछ समझ पाते, तब तक 9 और दुकानें आग की चपेट में आ गईं। दिलीप फायर वर्क में लगी इस और विस्‍फोट हादसे में 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। गोदाम में बैठे खरीदार, कर्मचारी, संचालक सहित 8 लोग झुलस गए। शादियों का सीजन होने के कारण गोदाम में भारी मात्रा में पटाखे थे। लोग खरीदी भी कर रहे थे। तभी गोदाम में धमाका हुआ और देखते ही देखते आग की लपटें दो मंजिल तक पहुंच गई। जलते पटाखे और चिंगारियां 20 फीट दूर तक गिरने लगीं। आग ने 25 दोपहिया वाहन और सत्यम फुटवेयर, नोबेल फुटवेयर, सोनू फुटवेयर सहित 9 दुकानों को चपेट में ले लिया। प्लास्टिक और बारूद के कारण पूरे बाजार में जहरीला धुआं फैल गया। लोग दुकान और घर खाली कर भागे।

पहचाने भी नहीं जा सके शव : राऊ का वो खौफनाक मंजर : राऊ की एक पटाखा फैक्टरी में 8 अप्रेल 2016 में धमाकेदार विस्फोट के साथ आग लग गई। इसमें एक व्यक्ति जिंदा जल गया, जिसका शव क्षत-विक्षत हो गया। इसके अलावा 4 घायलों में एक गंभीर है। विडंबना यह रही कि पुलिस-प्रशासन को दो घंटे बाद वहां पड़ी लाश की समझ पड़ी। हादसे में एक श्वान भी जिंदा जल गया था।
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राऊ के ओडी हुसेरिया हनुमान मंदिर के पास नगर परिषद राऊ के अध्यक्ष शिव डिंगू के रिश्तेदार कमल पिता रामकिशन पाटीदार के खेत पर लगी पटाखा फैक्टरी में सुबह 9.40 बजे हादसा हुआ था। हालांकि वहां कम ही लोग थे। वहां मौजूद विक्रम, रानी, दारा सिंह और मथुराबाई जख्मी हुए हैं। जिंदा जले व्यक्ति की पहचान मथुराबाई के पति दयाराम के रूप में हुई है। ये खरगोन जिले के गुजरी इलाके से काम करने आए थे। घटना के बाद से ही जिम्मेदार खेत और फैक्टरी मालिक फरार हो गए थे।
Edited by Navin Rangiyal

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