भार्गव ने सोमवार को कहा कि ग्राम पंचायतों को प्राप्त होने वाली समस्त राशियों तथा उनके व्यय का एक-एक विवरण बिलवार इस पोर्टल एवं एप पर उपलब्ध रहेगा। इस प्रणाली को दूसरे राज्य भी अपनाएंगे। ग्राम पंचायतों की भुगतान व्यवस्था को पूर्णत: कैशलेस किया गया है। इसके लिए प्रदेश एन आई सी के माध्यम से ग्राम पंचायतों के बैंक खातों से डिजीटल लेनदेन प्रारंभ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले व्यय को पोर्टल पर दर्ज करते ही उस ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के मोबाईल नंबर पर वन टाईम पासवर्ड आएगा। इससे ई-भुगतान आदेश को लॉक कर भुगतान हेतु बैंक को प्रेषित किया जाएगा। इसके लिए एनआईसी एवं 8 राष्ट्रीयकृत बैंकों के सर्वर को इंटीग्रेट किया गया है। बैंकों द्वारा भुगतान किए जाने के साथ ही भुगतान का विवरण भी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा।
भार्गव ने कहा कि ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्यों की वास्तविक स्थिति के फोटोग्राफ जीपीएस लोकेशन के साथ पोर्टल एवं एप पर उपलब्ध रहेगें। इस भुगतान व्यवस्था से ग्राम पंचायतों के समस्त वित्तीय अभिलेख स्वत: ही ऑनलाईन उपलब्ध हो सकेंगे। उन्हें पृथक से केशबुक, लेजर आदि अभिलेख तैयार करने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली को सुगम, पारदर्शी, विश्वसनीय तथा उत्तरदाई बनाने के लिए सूचना एवं प्रोद्योगिकी की नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पोर्टल तथा एप बनाकार एक अभिनव पहल की है। भारत सरकार के डिजीटल इंडिया अभियान के अंतर्गत ग्राम के अंतिम छोर तक डिजीटल एवं कैशलेस लेनदेन की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी। (वार्ता)