इंदौर। लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को यहां पटवारी के ठिकानों पर छापे मारे और उसकी करोड़ों रुपए मूल्य की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया।
लोकायुक्त पुलिस के अधीक्षक दिलीप सोनी ने बताया कि श्रीनगर एक्सटेंशन में रहने वाले पटवारी जाकिर हुसैन के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने भ्रष्ट तरीकों से बड़े पैमाने पर संपत्ति अर्जित की है। इस शिकायत पर उसके घर और उसके नजदीकी रिश्तेदारों के परिसरों समेत कुल 6 ठिकानों पर एकसाथ छापे मारे गए।
उन्होंने बताया कि सरकारी सेवा में वर्ष 2005 में भर्ती हुसैन को फिलहाल करीब 35,000 रुपए का मासिक वेतन मिलता है लेकिन लोकायुक्त पुलिस के छापों में पटवारी द्वारा बड़े पैमाने पर बेहिसाब संपत्ति बनाने के सबूत मिले हैं। इस मिल्कियत का मूल्य वैध जरियों से उसकी आय के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
सोनी ने बताया कि छापों में पटवारी के घर से लगभग 5 लाख रुपए की नकदी और सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए गए हैं। उसके पास 2 चारपहिया वाहन हैं। हुसैन की अचल संपत्तियों में 1 फ्लैट, आवासीय टाउनशिप में 3,000 वर्गफुट का बंगला, 1 दुकान, 2 भूखंड और 2 बीघा जमीन भी शामिल हैं। ये अचल संपत्तियां इंदौर, उज्जैन और शाजापुर जिलों में हैं।
उन्होंने बताया कि लोकायुक्त पुलिस को पटवारी और उसके नजदीकी रिश्तेदारों के करीब 20 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है जिनमें बड़ी रकम जमा होने का संदेह है। बैंक अधिकारियों से अनुरोध कर इन खातों से लेन-देन पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।
लोकायुक्त पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संदेह है कि हुसैन ने कुछ अचल संपत्तियां अपने मामा और अन्य नजदीकी रिश्तेदारों के नाम से खरीद रखी हैं ताकि वह अपनी कथित काली कमाई को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगाह से बचा सके। मामले में विस्तृत जांच और सरकारी कर्मचारी की बेहिसाब संपत्ति का मूल्यांकन जारी है। (भाषा)