शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सीएम योगी को याद दिलाया राजधर्म, पहले कोरोना से मुक्ति दिलाएं फिर मनाएं दीपोत्सव

विकास सिंह
मंगलवार, 28 जुलाई 2020 (09:41 IST)
अयोध्या में 5 अगस्त को राममंदिर के भूमिपूजन समारोह की तैयारियां तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों का जायजा लेने के पिछले दिनों अयोध्या पहुंचे थे। जहां पर मुख्यमंत्री ने राममंदिर के भूमिपूजन के समय अयोध्या में चार और पांच अगस्त को भव्य दीपोत्सव मानने की अपील की थी, उन्होंने कहा कि दो दिन हर घर,मंदिर,मठ में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाएं।  
 
वहीं कोरोना काल में दीपोत्सव का आयोजन करने पर अब शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठाए दिए है। दीपोत्सव मनाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना का संक्रमण पूरे देश में हावी है। लोग विपत्ति में हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री व उनके समर्थक एक ओर देवशयन की स्थिति में राम मंदिर के निर्माण कार्य का आरम्भ करने जा रहे हैं और जनता से अपील कर रहे हैं कि पूरे देशवासी उस दिन दीप जलाएं और हर्ष मनाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के बजाए लोगों से उत्सव मनाने की अपील करना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि भगवान् श्रीराम का मंदिर बनाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है, परन्तु भगवान् की जन्मस्थली में गर्भगृह के आग्नेय कोण में भगवान् के  बालरूप की स्थापना की जानी चाहिए। शास्त्रोक्त विधि-विधान से इसका निर्माण होना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि ऐसी क्या मुसीबत आ गई कि जब पूरा देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, लोग मरते जा रहे हैं और धार्मिक दृष्टि से भी देवशयन होने से कोई शुभ मुहूर्त नहीं है तो ऐसे में सरकार असली समस्या से लोगों का ध्यान भटकाते हुए अशास्त्रीय रीति से शिलान्यास करने जा रही हैं। यह कार्य तो देवोत्थान एकादशी के उपरान्त उचित मुहूर्त देखकर भी हो सकता है।
राजधर्म निभाएं, पहले कोरोना से मुक्ति दिलवाएं – शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इस समय सरकार का एक ही कर्तव्य है कि वह देश को कोरोना महामारी के संकट से मुक्ति दिलवाएं। हर शहर, हर गांव में इलाज की सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करें। इस अति आवश्यक कार्य को न कर वे मन्दिर की बातों से लोगों का ध्यान न भटकाएं।  साथ ही कहा कि जिस घर में कोरोना से कोई भी व्यक्ति संक्रमित होगा या मरा होगा वह कैसे दीप जलाकर हर्ष मनाएगा ? अतः सबसे पहले कोरोना भगाएं, फिर शुभ मुहूर्त में मन्दिर बनवाएँ तो उसके बाद पूरा देश दीप भी जलाएगा और हर्ष भी मनाएगा।
 

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