थाने पदस्थ महिला आरक्षक आरक्षक शीतल बाघमारे ने युवती की डिलीवरी कराई। दरअसल, महिला आरक्षक ने नर्सिंग का कोर्स किया हुआ था, जिसका अनुभव इस युवती की डिलेवरी कराते समय काम आया। महिला आरक्षक बाघमारे ने सूझबूझ दिखाते हुए डिलीवरी, वहीं बच्ची और मां दोनों ही स्वस्थ और सुरक्षित हैं।
युवती से मिली जानकारी के मुताबिक धगड़िया गांव का राजेन्द्र नामक एक युवक पीड़िता को शादी का झांसा लंबे समय से दुष्कर्म कर रहा था। इस बीच, लड़की गर्भवती हो गई। जब युवती ने विवाह के लिए दबाव बनाया तो आरोपी मुकर गया। इसके बाद ही पीड़िता थाने में शिकायत करने पहुंची थी। युवती को थाने से जिला अस्पताल भेजा गया। जहां युवती और उसकी बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।
थाना प्रभारी राजेन्द्र भारती ने बताया कि युवती की शादी नहीं हुई है। लड़की ने कहा कि यदि राजेन्द्र शादी के लिए तैयार हो जाएगा तो वह रिपोर्ट नहीं करेगी। जब राजेन्द्र से बात की गई तो वह नागपुर था। युवती उसके लौटने तक इंतजार की बात कहीं। वहीं, महिला आरक्षक वाघमारे ने बताया कि युवती ने 7 माह का गर्भ बताया था, लेकिन उसे थोड़ी देर बात ही थाने में दर्द शुरू हो गया। मैंने चूंकि नर्सिंग कोर्स किया था, इसलिए उसकी मदद कर पाई।