उन्होंने बताया कि 23 तारीख को स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों दोनों की बात सुनी जाएगी। इसके पहले कल बच्ची के अभिभावकों ने आयोग में गुहार लगाते हुए कहा था कि बच्ची के साथ उसके पिता ने तीन साल पहले दुष्कर्म किया था, उसके बाद से बच्ची उन्हीं के पास है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राजधानी के एक निजी स्कूल में भर्ती किया गया, लेकिन स्कूल ने दो साल पढ़ाने के बाद यह कहते हुए आगे पढ़ाने से मना कर दिया कि बच्ची के अभिभावक के तौर पर उसके पिता का ही नाम होना चाहिए।