जानकार सूत्रों का कहना है कि इस सर्वेक्षण में विधायकों के कामकाज को तीन भागों में बांट दिया गया है। इन्हें बहुत कमजोर, औसत और बेहतर कामकाज के वर्गों में रखा गया है लेकिन पार्टी के लिए चिंता की बात यह है कि सरकार के 70 फीसदी विधायकों का कामकाज ठीक नहीं बताया गया है। ऐसे कई दर्जन विधायक हैं जिन्हें अगर पार्टी अपनी उम्मीदवार बनाती है तो उनका चुनाव जीतना भी संभव नहीं है।
ऐसे करीब 56 विधायकों के टिकिटों पर संघ की कैंची चल सकती है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी के विधायकों को चुनाव से पहले अपना प्रदर्शन सुधारने का मौका दिया जा सकता है लेकिन अंतत: किसे उम्मीदवार बनाया या नहीं, यह संघ पदाधिकारी और पार्टी के नेता ही तय करेंगे।