मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण का मामला विचाराधीन होने के कारण प्रदेश सरकार के कर्मचारी और अधिकारी पदोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। हम नहीं चाहते हैं कि कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हों, इसलिये कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से सभी वर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति रुक गई है। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि शीर्ष अदालत से इस मामले में दो साल के अंदर फैसला हो जायेगा तब प्रदेश के संबंधित कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा सकेगी।