दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में मंत्री-विधायकों को बिकाउ बताते हुए उनकी कीमत 35-35 करोड़ रूपए बताई थी। इस पोस्ट के साथ दिग्विजय सिंह ने मंत्री-विधायकों के रेट कार्ड भी जारी किए थे। दिग्विजय सिंह ने पोस्ट में लिखा था कि लोकतंत्र के बही-खाते में जो लोग कांग्रेस से गद्दारी कर रूपए 35-35 करोड़ में बिके और उन्हें जिन लोगों ने वोट दिए उसमें से वोट देने वालों को उनका हिस्सा देना चाहिए। जब तक उन्हें उनका रूपए 35 करोड़ में से हिस्सा न मिले, तब तक वोट नहीं देना चाहिए।
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इस पोस्ट के बाद दिग्विजय सिंह को लेकर भाजपा ने सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर घेरा। अब भाजपा के मंत्री-विधायकों ने इसे अपनी मानहानि मानते हुए भोपाल के विशेष सत्र न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है। परिवाद पेश करने वाले ग्वालियर के वकील विजय कुमार शर्मा और शरद भटनागर ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने मंत्री-विधायकों को लेकर सोशल मीडिया पर मिथ्या,आधारहीन एवं भ्रामक टिप्पणी की थी।