आज कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि टीकमगढ़ प्रवास के दौरान वहां के लोगों ने समस्या बताई थी कि एक-एक मकान में 50-60 लोग रहने को विवश हैं, घर पर रहने की जगह तक नहीं है। इस समस्या का कारण यह है कि परिवार का तो विस्तार हुआ पर रहने का स्थान उतना ही रहा। गरीबी के कारण विस्तारित परिवारों के पास प्लाट या भूमि भी नहीं है। परिणामस्वरूप मकान बनाने की योजना का लाभ भी उनको नहीं मिल सकता। इसीलिए मैंने यह सोचा था कि टीकमगढ़ की धरती पर ही हम ऐसी योजना लाएंगे जिसमें किसी भी वर्ग के गरीब भाई-बहन, जिनके पास रहने की जगह नहीं है, को नि:शुल्क प्लाट उपलब्ध कराया जाएगा। इन प्लाटों पर वे अपना घर बना सकेंगे और अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
मुख्य़मंत्री ने कहा कि यह अपने आप में अद्भुत योजना है। योजना में जमीन का पट्टा पति-पत्नी के नाम पर होगा। उन्हें कोई प्रीमियम नहीं देना होगा, जमीन पूरी तरह से नि:शुल्क मिलेगी और भू-खण्ड के साथ बाकी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे गरीब भाई–बहनों को प्लाट उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने जिन भाई और बहनों को यह प्लॉट मिल रहे हैं, उनको बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यही उद्देश्य है कि सभी सुखी रहें। यह उनका अधिकार भी है। उन्होंने कहा कि भगवान ने इस धरती पर जिन्हें भेजा है, उनको रहने की जगह भी मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना उनकी इस जरूरत को पूरा करेगी।