मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रीवा के रघुराजगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण सम्मेलन में कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं सीएम की सभा में एक किसान ने खुदकुशी की कोशिश की और एक महिला ने जमकर हंगामा किया।
सीएम ने कहा कि आजाद के 60 साल बाद तक गरीबों की जिंदगी में उजाला नहीं हुआ। कांग्रेस ने किसानों को कुछ नहीं दिया। अब सत्ता के लिए प्रदेश में हिंसा फैलाना चाहती है। प्रदेश सरकार चना, सरसों और दो हजार क्विंटल गेहूं खरीद रही है, लेकिन वोट की फसल उगाने के लिए कांग्रेस किसानों और गरीबों को गुमराह कर दंगा कराने की साजिश कर रही है।
आत्महत्या का प्रयास : सीएम की सभा के दौरान एक अजीबोगरीब मामला भी सामने आया जब सिंगरौली में सभा के बीच बंधा गांव के दलबीरसिंह गोंड ने जान देने की कोशिश की। दलबीर ने अपने गमछे को गर्दन में लपेट लिया और कसने लगा। उसकी शिकायत थी कि गांव के कुछ दबंगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस ने इसकी भनक लगते ही उसे पकड़ लिया।
पीड़ित युवती ने किया हंगामा : जिस समय मुख्यमंत्री मंच पर थे, उसी दौरान एक युवती ने भी काफी हंगामा किया। युवती भाजपा जिलाध्यक्ष कांतदेवसिंह और भाजयुमो नेता पुनीत शुक्ला पर अपहरण का आरोप लगा रही थी। आरोप लगाने वाली इस युवती ने बुधवार को सीएम की सभा में हंगामा किया। वह अपनी मांग को लेकर सीएम से मिलने की मांग कर रही थी।
करीब 15 मिनट तक महिला को पुलिस ने शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन वह सीएम से मिलने की बात पर अड़ी रही। हालांकि पुलिस ने उसे मिलने नहीं दिया। दरअसल, युवती कुछ दिन पहले अपहरण और दुराचार का शिकार हुई थी। युवती भाजपा के जिलाध्यक्ष और भाजपा नेता पुनीत शुक्ला पर अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगा रही थी, युवती के परिजनों ने कई बार शिकायत पुलिस थाना और पुलिस के आला अधिकारियों तक की लेकिन कोई सुनवाई नही हुई।
यहां तक कि युवती और उसके परिजनों ने प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ला से भी इस संबंध में शिकायत की, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। इससे परेशान युवती एवं उसके परिजन सीएम से मिलना चाह रहे थे, युवती मामा से मिलने के लिए गुहार लगाती रही, चीखती चिल्लाती रही, लेकिन पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने उसकी एक भी नही सुनी और न ही उसे सीएम से मिलने नहीं दिया गया।