मुख्यमंत्री ने कहा कि चार वर्ष पहले संकल्प लिया था कि नर्मदा एवं क्षिप्रा, दोनों बहनों को मिलाकर उसके पानी से स्नान करेंगे, जो आज पूरा हो चुका है, पंचक्रोशी यात्रा में श्रद्धालु चादर एवं बिछाने की दरी लेकर मौन साधक की तरह जा रहे हैं, कहां मिलेगा ऐसा अद्भुत संसार, महाकाल की नगरी में श्रद्धा एवं मोक्ष मिलता है, यही असली भारत है।
चौहान ने कहा कि सिंहस्थ में श्रीलंका, नेपाल के राष्ट्राध्यक्ष सहित 68 देश के श्रद्धालु पहुंचेंगे। वे उज्जैन से भारत की सस्ंकृति, कला, धर्म को समेटे हुए साथ ले जाएं और भारत का नाम रोशन करें, इस दिशा में हम सब को मिलकर प्रयास करना है। (वार्ता)