दो घंटे किया घेराव : सोमवार को इंदौर के कलेक्टर कार्यालय को घेर कर करीब 2 घंटे तक बैठे रहे सैकड़ों युवाओं ने यह आरोप लगाया है। सरकार द्वारा भर्ती परीक्षा से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति रोकने और एसआइटी गठित कर नए सिरे से जांच की मांग की है। प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने भीड़ के बीच कुछ प्रवेश पत्रों की प्रतियों को भी लहराया। कुछ उम्मीदवारों के नाम लेते हुए उन्होंने दावा किया कि साफ जाहिर हो रहा है कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की गई है।
300 छात्र शामिल हुए प्रदर्शन में : बता दें कि कम से कम साढ़े तीन सौ युवा पटवारी भर्ती के खिलाफ प्रदर्शन करने स्थानीय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाईयू) की अगुवाई में पहुंचे युवाओं को कलेक्टर कार्यालय से पहले ही सड़क पर बेरिकेड लगाकर पुलिस ने रोक लिया। करीब दो घंटे तक सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते हुए युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इन्होंने मांग की कि बीती सरकार के कार्यकाल में हुई पटवारी भर्ती परीक्षा में तमाम गड़बड़ियां हुई थी। युवाओं ने मांग रखी कि एसआइटी बनाकर भर्ती प्रक्रिया की पूरी जांच हो। चीफ जस्टिस मप्र के साथ इसमें तकनीकी विशेषज्ञ भी रखे जाए, क्योंकि पूरी परीक्षा आनलाइन हुई थी।
क्या हैं छात्रों की मांगें?
- सब इंस्पेक्टर के 2000 पदों पर भर्ती हो
-एमपीईएसबी (व्यापमं) द्वारा मंडी इंस्पेक्टर, लेबर इंस्पेक्टर, महिला पर्यवेक्षक व अन्य भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी किया जाए
- केंद्र के नकल विरोधी कानून को तत्काल प्रभाव से लागू कर पटवारी परीक्षा में भी उसी अनुसार कार्रवाई हो
-व्यापमं की आनलाइन परीक्षाएं राष्ट्रीय स्तर की आइटी कंपनियों को दी जाए
-रुके हुए परीक्षा परिणाम जारी हो
- मप्र पीएससी की राज्यसेवा परीक्षा 2024 में पद बढ़ाकर 500 किए जाए
-राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2023 में 90 दिन का समय दिया जाए
-ओबीसी आरक्षण विवाद हल कर 87:13:13 के फार्मूले से की जा रही भर्तियां बंद हो शत प्रतिशत पदों पर भर्ती हो
-प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 में काउंसलिंग में भाग ले चुके 3300 लोगों को नियुक्तियां दी जाए
Edited by Navin Rangiyal