मध्यप्रदेश के पचमढ़ी में भाजपा अपने सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग में पार्टी सभी जनप्रतिनिधियों को एक्चुअल से वर्चुअल तक कैसे पेश आना है, इसका पाठ पढ़ा रही है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सीआर पाटिल औऱ राष्ट्रीय महमंत्री विनोद तवाड़े ने पार्टी की रीति नीति और अनुशासन का पाठ पढ़ाया।
सोशल मीडिया को लेकर नाराजगी- प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तवाड़े ने कई मंत्रियों-विधायकों को उनके सोशल मीडिया पर उपस्थिति को लेकर फटकार लगाई। उन्होंने सांसदों औऱ विधायकों की सोशल मीडिया पर सक्रियता को लेकर उनका रिपोर्ट कार्ड उनके सामने रखा और उनके काम को लेकर नाराजगी जाहिए की। उन्होंने उन मंत्रियों को जमकर फटकार लगाई जो सोशल मीडिया पर बहुत कम एक्टिव है।
सभी ऐसे मंत्रियों औऱ विधायकों को अगली बैठक से पहले अपने फॉलोअर्स की संख्या 1 लाख करने के दो टूक निर्देश दिए गए। इसके साथ राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तवाड़े ने दो टूक शब्दों में कहा कि सोशल मीडिया को इस्तेमाल लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए करना है और सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी के पक्ष में नेरेटिव सेट करना है। वहीं सभी सांसदों और विधायकों को यूट्यूब पर सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर फिर से टिकट पाना है और चुनाव में जाना है तो सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ानी होगी।
कम बोलने की नसीहत- मंत्री विजय शाह सहित मध्यप्रदेश भाजपा के नेताओं के पिछले दिनों आए विवादित बयान के बाद आयोजित हो रहे प्रशिक्षण शिविर में विधायकों और सांसदों को लोक व्यवहार का पाठ भी पढ़ाया गया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सीआर पाटिल ने अलग-अलग सत्रों में सार्वजनिक जीवन में जनप्रतिनिधियों के व्यवहार के बारे में टिप्स दिए। भूपेंद्र यादव ने विधायकों और सांसदों को हर विषय पर बयान देने से बचने की सीख दी। उन्होंने कहा कि वाणी पर संयम राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए हर बात पर प्रतिक्रिया नुकसानदेह होता है। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों के हर विषय पर मीडिया में बयान देने की आदत पर नाराजगी जाहिए करते हुए कहा कि जब जरूरत हो तभी बोले।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने विधायकों और सांसदों को अपने स्टॉफ और कार्यालय प्रबंधन की ओर खासा ध्यान देने को कहा। सीआर पाटिल ने कहा कि क्षेत्र की जनता की समस्या का सामाधान अगर आप के कार्यालय पर हो जाए तो उससे उसका अपने जनप्रतिनिधि के प्रति विश्वास बढ़ता है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को तरजीह देने की समझाइश दी।