गैस त्रासदी की 32 वीं बरसी की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में सारंग ने कहा कि चिकित्सकों और अस्पताल के स्टॉफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सभी गैस राहत अस्पतालों में बॉयोमेट्रिक मशीन से अटेन्डेन्स की व्यवस्था शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में चिकित्सा, राहत और पुनर्वास की नई नीति के तहत गैस प्रभावितों को लाभांवित किया जाएगा।
राज्य मंत्री ने कहा कि गैस पीड़ितों को भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर और गैस राहत विभाग के अस्पतालों में सुविधाजनक तरीके से इलाज मिले और पूर्व में हुए इलाज की हिस्ट्री भी उसमें हो, इसके लिए सभी गैस पीड़ितों के नए स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं। इससे दोनों अस्पतालों के बीच समन्वय भी हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि किडनी रोगियों के उपचार के लिए 10 नई डायलेसिस मशीन खरीदी गई हैं। केंसर प्रभावित 4,315 गैस पीड़ितों के इलाज पर 39 करोड़ 28 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। चिकित्सा की अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एमआरआईसीटी स्केन की व्यवस्था आउटसोर्स से की जा रही है। (भाषा)