सीबीआई द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार सीबीआई ने 23 नवंबर 2017 को व्यापमं मामले में विशेष न्यायाधीश की अदालत में एक पूरक आरोप-पत्र पेश किया था। ट्रायल कोर्ट ने फरार और आरोप-पत्र में शामिल लोगों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किए थे। इसके आधार पर सीबीआई ने चौकसे को उसके घर से गिरफ्तार किया।
चौकसे को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज ने बेईमानी करते हुए चिकित्सा शिक्षा के संचालक (डीएमई) को इस मामले में कॉलेज में प्रवेश लेने वाले सह-आरोपी उम्मीदवार के बारे में गलत जानकारी उपलब्ध कराई थी।
वह उम्मीदवार पहले से ही पटना में एमबीबीएस के 2011 बैच का विद्यार्थी था। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज ने डीएमई को बताया था कि काउंसलिंग के दूसरे चक्र के बाद उनके पास सिर्फ पांच सीटें खाली हैं, जबकि वहां 40 सीट रिक्त थीं। यह भी आरोप है कि कॉलेज ने 30 सितंबर 2012 को 40 से ज्यादा प्रवेश दिए, जबकि काउंसलिंग पहले ही समाप्त हो चुकी थी।
कॉलेज ने डीएमई के अधिकारियों की मिली-भगत से प्रवेशित विद्यार्थियों की जो सूची भेजी वह डीएमई को भेजी गई, आवंटन सूची से अलग थी। व्यापमं मामले की जांच पहले विशेष कार्य बल को सौंपी गई थी। उच्चतम न्यायालय के 9 जुलाई 2015 के निर्देश के बाद इससे जुड़े मामलों की जांच अब सीबीआई कर रही है। (वार्ता)