भीषण गर्मी के चलते भोपाल की पहचान बड़े तालाब पर संकट

भोपाल। भीषण गर्मी के बाद अब भोपाल में जल संकट खड़ा होता दिख रहा है। भोपाल में पानी सप्लाई करने वाले बड़े तालाब, केरवा और कोलार डैम अब लगभग सूख चुके हैं। शहर में पानी की सप्लाई का सबसे बड़ा स्रोत बड़े तालाब में पानी डेड स्टोरेज से नीचे लेवल पर पहुंच गया है। बड़े तालाब का जलस्तर 1650 फुट से नीचे पहुंच गया है।
 
हालात यह है कि आम दिनों मे पानी से लबालब भरे रहने वाला बड़ा तालाब लगभग सूख चुका है। स्थिति किस कदर भयावह हो गई है इसको इस बात से समझा जा सकता है कि तालाब के ठीक बीचोंबीच स्थित तकिया टापू जहां आम दिनों में नाव से ही पहुंच सकते हैं, आज लोग पैदल जा रहे हैं। तकिया टापू तक बड़ा तालाब लगभग सूख गया है।
 
बड़े तालाब का पानी लगभग 20 फुट नीचे उतर चुका है। भीषण गर्मी के चलते बड़ा तालाब ठीक उसी हालत में पहुंच चुका है जैसे हालत 2009 में बन गए थे। तब जोर-शोर से बड़े तालाब को बचाने की मुहिम चलाई गई थी। उसके बाद बड़े तालाब के संरक्षण के लिए कैंचमेट एरिया मे बड़े पैमाने पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरु हुई थी, लेकिन बाद के दिनों में हालात जस के तस हो गए। 
 
बड़े इलाके में पानी का संकट : बड़े तालाब के सूखने के चलते भोपाल के कई इलाकों में पानी का संकट हो गया है। बैरागढ़, ईदगाह और शाहजहांनाबाद में पानी की सप्लाई का एकमात्र स्रोत बड़ा तालाब है। तालाब के डेड स्टोरेज के नीचे पहुंचने से अब इन इलाकों में पानी का संकट खड़ा हो गया है।
 
वर्तमान में नगर निगम एक दिन छोड़कर एक दिन पानी दे रहा है, लेकिन अभी जब भोपाल तक मानसून आने में 20 दिन से अधिक का समय है और बड़े तालाब में पानी का स्तर डेड स्टोरेज से नीचे पहुंच गया है। ऐसे में सवाल ये उठ खड़ा हुआ है कि आने वाले दिनों में पानी की सप्लाई कैसे होगी। वहीं भोपाल में जल संकट को देखते हुए महापौर आलोक शर्मा ने सरकार 100 करोड़ के विशेष पैकेज की मांग की है। वहीं महापौर ने जलसंकट पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।

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