इधर, भीष्म के शिविर में कृष्ण, पांडव, शिखंडी सहित कई योद्धा पहुंचकर भीष्म को प्राणाम करते हैं। दुर्योधन वहां भी श्रीकृष्ण से कहता है कि धर्म की नहीं बाहुबल की बात करो। श्रीकृष्ण कहते हैं कि बाहुबल की बात तो मुझसे करो ही मत क्योंकि युद्ध में मैं शस्त्र उठाने वाला नहीं हूं। यह सुनकर भीष्म कहते हैं कि तब तो मैं तुमसे शस्त्र उठवाकर ही रहूंगा मधुसूदन। श्रीकृष्ण इस पर मुस्कुरा देते हैं।