महाराष्ट्र में टिकटों के बंटवारे के बाद लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने नेतृत्व को चुनौती देते हुए, 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। महायुति और एमवीए दोनों के लिए यह सिरदर्द बना हुआ है।
4 नवंबर को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है और इसके बाद स्पष्ट तस्वीर उभरकर सामने आएगी कि कितने बागी मैदान में बचे हैं। एमवीए में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं जबकि महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सभी बागी हट जाएंगे। एमवीए में कोई दोस्ताना लड़ाई नहीं होगी। बालासाहेब थोराट, विजय वडेट्टीवार और नाना पटोले बागियों से बात करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि एमवीए की सरकार बनाना हमारा लक्ष्य है और इसके लिए हमारे सभी सहयोगी विधानसभा चुनाव अनुशासित तरीके से लड़ेंगे।
चेन्निथला ने दावा किया कि महायुति के सहयोगियों के बीच काफी मतभेद हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राकांपा और शिवसेना को 'खत्म' कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने महा विकास अघाड़ी के सभी सहयोगियों के साथ समान व्यवहार किया है। चेन्निथला ने यह भी दावा किया कि महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की प्रमुख 'लाडकी बहन' योजना को धन की कमी के कारण बंद कर दिया गया है।(भाषा)