Hindi in schools of Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने मराठी और अंग्रेजी (Marathi and English) माध्यम के स्कूलों में पहली से 5वी कक्षा तक के छात्रों के लिए हिन्दी (Hindi) को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का आदेश जारी किया है। मराठी भाषा (Marathi language) के पक्षधरों ने आरोप लगाया है कि सरकार शुरू में इस नीति से पीछे हटने के बाद गुपचुप तरीके से इसे फिर से लागू कर रही है।
मराठी भाषा को संरक्षित करने के लिए काम कर रहे मुंबई में स्थित मराठी भाषा अभ्यास केंद्र के दीपक पवार ने दावा किया कि यह कुछ और नहीं, बल्कि गुपचुप तरीके से हिन्दी थोपना है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से विरोध करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने मराठी लोगों के साथ विश्वासघात किया है। अगर हम अब चुप रहे तो यह संघीय ढांचे और संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन की विरासत को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसंत कल्पांडे ने कहा कि एक कक्षा में 20 छात्रों के हिन्दी की वैकल्पिक भाषा चुनने की संभावना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ऑनलाइन शिक्षक उपलब्ध कराने का प्रावधान हिन्दी के अलावा किसी अन्य भाषा को चुनने को हतोत्साहित करने का एक प्रयास है। हालांकि मराठी और हिन्दी की लिपियां समान हैं, लेकिन इतनी कम उम्र के छात्रों के लिए लिपियों के बीच की बारीकियों और अंतरों को सीखना बहुत मुश्किल होगा। कल्पांडे ने बताया कि गुजरात और असम में तीसरी भाषा के रूप में हिन्दी अनिवार्य नहीं है।(भाषा)