क्या फडणवीस से नाराज हैं एकनाथ शिंदे? क्यों कहा- मुझे हल्के में मत लेना

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025 (23:05 IST)
Is Eknath Shinde angry with Fadnavis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ मतभेद बढ़ने की चर्चा के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शुक्रवार को कहा कि किसी को भी उन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए, और उन्होंने पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने का परोक्ष रूप से उल्लेख किया।
 
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए चेतावनी है जो समझने में सक्षम हैं। शिंदे ने कहा कि वह शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे और शिवसेना नेता दिवंगत आनंद दीघे के कार्यकर्ता रहे हैं।
 
शिंदे ने उद्धव ठाकरे का जिक्र किया : शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिरने का संभवत: जिक्र करते हुए कहा कि 2022 में मैंने उन लोगों की गाड़ी पलट दी जिन्होंने मुझे हल्के में लिया था और हम एक नई सरकार लेकर आए, जो लोगों के दिलों में बसी हुई है। वह उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को विभाजित कर और भाजपा के साथ गठजोड़ कर मुख्यमंत्री बने थे।ALSO READ: Maharashtra Politics : 2019 में शिंदे को CM बनाना चाहते थे उद्धव ठाकरे, BJP और MVA सहयोगी आड़े आ गए, संजय राउत का दावा
 
शिवसेना का नेतृत्व कर रहे शिंदे ने कहा कि डबल इंजन सरकार (शिंदे के नेतृत्व में) पूरी गति से चली और मैंने और देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि हम 200 से अधिक सीटें जीतेंगे। हमने (2024 के विधानसभा चुनावों में) 232 सीटें जीतीं।
 
उन्होंने कहा कि मुझे हल्के में मत लीजिए : उन्होंने कहा कि मुझे हल्के में मत लीजिए। जो लोग इसे समझते हैं, उनके लिए यह संकेत काफी है। मैं अपना काम जारी रखूंगा। हालांकि, शिंदे और फडणवीस, दोनों ने इस बात से इनकार किया है कि कोई मतभेद है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि तनाव बढ़ रहा है।
 
पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव के बाद, शिंदे को (नई सरकार में) अपनी भूमिका बदलने के लिए सहमत होना पड़ा और पिछली सरकार में उनके डिप्टी (उप मुख्यमंत्री) रहे फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया।
 
राकांपा नेता अदिति तटकरे और भाजपा के गिरीश महाजन को क्रमश: रायगढ़ और नासिक जिलों का प्रभारी मंत्री नियुक्त किए जाने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि शिवसेना नेताओं ने इस पर नाखुशी जाहिर की। दोनों नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया और फडणवीस ने अभी तक कोई नया फैसला नहीं लिया है।ALSO READ: शरद पवार ने किया एकनाथ शिंदे का सम्मान, शिवसेना यूबीटी नाराज
 
दोनों उपमुख्यमंत्रियों- शिंदे और राकांपा नेता अजित पवार ने उन जिलों में परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने के लिए परियोजना निगरानी प्रकोष्ठों की स्थापना की है। हालांकि मुख्यमंत्री के पास पहले से ही प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी के लिए अपना ‘वॉर रूम’ है। मुख्यमंत्री राहत कोष (जिससे जरूरतमंद मरीजों को मदद मिलती है) पहले से ही मौजूद था, लेकिन शिंदे ने अपना स्वयं का चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया।
 
शिंदे, फडणवीस द्वारा बुलाई गई कई बैठकों से भी दूर रहे हैं जिसमें उत्तरी महाराष्ट्र के शहर में 2027 के (नासिक)कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए नासिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की बैठक भी शामिल है। उन्होंने नासिक में एक अलग बैठक की जिसमें भाजपा कोटे से मंत्री गिरीश महाजन अनुपस्थित थे।
 
फडणवीस द्वारा उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक करने के बाद शिंदे ने हाल ही में एक और बैठक की। उद्योग विभाग का नेतृत्व शिवसेना मंत्री उदय सामंत कर रहे हैं। रिश्तों में तनाव बढ़ने की चर्चा उस वक्त और तेज हो गई, जब फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग ने शिवसेना के 20 विधायकों की पुलिस सुरक्षा घटा दी या वापस ले ली।
 
वर्ष 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, उन्हें सुरक्षा कवर दिया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में शिंदे ने कहा था कि उनके और फडणवीस के बीच कोई 'शीत युद्ध' नहीं चल रहा है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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