तुम्हें निर्मला से धर्म और अन्य उपयोगी विषयों पर बातचीत करनी चाहिए। तुम उससे भागवत पढ़कर सुनाने के लिए भी कह सकती हो। वह भी इसमें रुचि लेगी। यदि तुम इस तरह अपने आपको सेवा-कार्य में व्यस्त रखोगी तो मुझ पर विश्वास करो, तुम्हारा मन सदैव आनंदित रहेगा। और यकीनन तुम पंजाबी भाइयों के खाने और अन्य जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी छोड़ना नहीं चाहोगी।