4. गीता का पालन : कहते हैं कि रोग की उत्पत्ति सबसे पहले मन और मस्तिष्क में ही होती है और सकारात्मक विचार रोग को पैदा होने से रोक देते हैं। महात्मा गांधी को भगवान महावीर, महात्मा बुद्ध और भगवान श्रीकृष्ण पसंद थे। उनके पास हमेशा गीता रहती थी। महात्मा गांधी महावीर स्वामी के पंचमहाव्रत, महात्मा बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग, योग के यम और नियम और गीता के कर्मयोग, संख्ययोग, अपरिग्रह एवं समभाव भाव सहित उसके दर्शन पर विश्वास करते थे। मानसिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए यह बहुत जरूरी था जिसके चलते उनका शरीर भी निर्मल, शांति और निरोगी रहता था।