महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं। महावीर जयंती के दिन महावीर चालीसा (Mahavira Chalisa) का पाठ करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। यहां पढ़ें सम्पूर्ण पाठ-
Mahavir Chalisa : जय महावीर दया के सागर
दोहा :
सिद्ध समूह नमों सदा, अरु सुमरूं अरहन्त।
निर आकुल निर्वांच्छ हो, गए लोक के अंत ॥
मंगलमय मंगल करन, वर्धमान महावीर।
तुम चिंतत चिंता मिटे, हरो सकल भव पीर ॥
चौपाई :
जय महावीर दया के सागर, जय श्री सन्मति ज्ञान उजागर।
शांत छवि मूरत अति प्यारी, वेष दिगम्बर के तुम धारी।
कोटि भानु से अति छबि छाजे, देखत तिमिर पाप सब भाजे।
महाबली अरि कर्म विदारे, जोधा मोह सुभट से मारे।
काम क्रोध तजि छोड़ी माया, क्षण में मान कषाय भगाया।
रागी नहीं नहीं तू द्वेषी, वीतराग तू हित उपदेशी।
प्रभु तुम नाम जगत में सांचा, सुमरत भागत भूत पिशाचा।
राक्षस यक्ष डाकिनी भागे, तुम चिंतत भय कोई न लागे।
महा शूल को जो तन धारे, होवे रोग असाध्य निवारे।
व्याल कराल होय फणधारी, विष को उगल क्रोध कर भारी।
महाकाल सम करै डसन्ता, निर्विष करो आप भगवन्ता।
महामत्त गज मद को झारै, भगै तुरत जब तुझे पुकारै।
फार डाढ़ सिंहादिक आवै, ताको हे प्रभु तुही भगावै।
होकर प्रबल अग्नि जो जारै, तुम प्रताप शीतलता धारै।
शस्त्र धार अरि युद्ध लड़न्ता, तुम प्रसाद हो विजय तुरन्ता।