Dhanteras: धनतेरस पर सौभाग्य लाने वाली ये 4 शुभ वस्तुएं अवश्य खरीदें, बढ़ेगा 13 गुना धन

WD Feature Desk

शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 (10:59 IST)
What to buy on Dhanteras: इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष में धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इसी के साथ रात में यमदेव को दीप अर्पित करते हैं। धनतेरस का पर्व खरीदारी और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन खरीदी गई वस्तुएं पूरे साल शुभ फल देती हैं। आइए जानते हैं उन्हीं 4 प्रमुख वस्तुओं के महत्व और उनके खरीदने का कारण।
 
1. सोना (Gold):-
धार्मिक महत्व: सोना को साक्षात देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और यह देवगुरु बृहस्पति (समृद्धि और ज्ञान के कारक) का भी प्रतीक है।
क्यों खरीदें: इस दिन सोना खरीदने से घर में धन और वैभव की स्थिरता आती है। यह माना जाता है कि सोने की खरीदारी से माता लक्ष्मी का स्थायी वास होता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
अन्य लाभ: सोना खरीदने का प्रचलन सदियों पुराना है, जो आपकी आर्थिक शक्ति और निवेश को भी दर्शाता है।
 
2. चांदी (Silver):-
धार्मिक महत्व: चांदी शुद्धता, शीतलता और सौभाग्य का प्रतीक है। इसका संबंध चंद्रमा और धन के देवता कुबेर से भी माना जाता है।
क्यों खरीदें: धनतेरस पर चांदी के सिक्के या आभूषण खरीदने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। लोग अक्सर माता लक्ष्मी और कुबेर की आकृति वाले चांदी के सिक्के खरीदते हैं, जिन्हें दिवाली पूजा में शामिल किया जाता है।
विशेष: चांदी के बर्तन या छोटी वस्तुएं खरीदना भी उतना ही शुभ माना जाता है।
 
3. बर्तन (Utensils):-
धार्मिक महत्व: भगवान धन्वंतरि (देवताओं के वैद्य) जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथ में अमृत कलश था। इसलिए धातु के बर्तन खरीदना अति शुभ माना जाता है।
क्यों खरीदें: इस दिन पुराने बर्तनों को बदलकर नए गृह-उपयोगी बर्तन खरीदने का विधान है।
पीतल: पीतल के बर्तन सबसे शुभ माने जाते हैं, क्योंकि यह लक्ष्मी और बृहस्पति दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर आप महंगा सोना नहीं खरीद पा रहे हैं, तो पीतल के बर्तन अवश्य खरीदें।
तांबा: तांबे के बर्तन शुद्धता लाते हैं और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माने जाते हैं।
महत्व: बर्तन को घर में खाली नहीं लाना चाहिए। इसे घर लाने से पहले इसमें अनाज (चावल) या पानी भरकर लाएं, जो घर में अन्नपूर्णा और बरकत का प्रतीक है।
 
4. धनिया (Coriander Seeds):-
धार्मिक महत्व: साबुत धनिया (धन के बीज) को धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
क्यों खरीदें: धनिया भी स्वर्ण और बृहस्पति देव का प्रतिक है। इसे घर में धन धान्य और वैभव की स्थिरता आती है।
पूजा: शहरी क्षेत्रों में पूजा के लिए साबुत धनिया खरीदा जाता है, जिसे दिवाली के दिन माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है।
नैवेद्य: इस दिन सूखे धनिए के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलाकर मिश्रण बनाया जाता है, जिसे 'नैवेद्य' या प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
परंपरा: कुछ लोग इस धनिया के कुछ दाने तिजोरी या गमले में भी बोते हैं। यह मान्यता है कि यदि ये बीज उग आते हैं, तो यह साल भर आर्थिक समृद्धि का संकेत देता है।
अन्य शुभ वस्तुएं: सोना, चांदी, बर्तन और धनिया के अलावा, इस दिन नई झाड़ू (दरिद्रता हटाने का प्रतीक), लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, नमक और गोमती चक्र खरीदना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा दीपक, कुबेर यंत्र, नमक, दक्षिणवर्ती शंख, कमलगट्टे या रुद्राक्ष की माला, धार्मिक साहित्य, औषधि, नमक, नया वाहन या नया घर भी खरीदा जाता है।
 
1. नए वस्त्र : इस दिन दीपावली पर पहनने के लिए नए वस्त्र खरीदने की परंपरा भी है।
2. लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति : इस दिन दीपावली पूजन हेतु लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्ति या ‍चित्र खरीदते हैं और इसी दिन धन्वंतरि की पूजा हेतु उनकी मूर्ति या चित्र भी खरीदते हैं।
3. खिलौने : इस दिन बच्चों के लिए खिलौने भी खरीदे जाते हैं। बच्चों का मन खुश रखने से घर में सकारात्मक माहौल बनता है।
4. खील-बताशे : इस दिन पूजा की सामग्री के साथ ही खील-बताशे आदि भी खरीदे जाते हैं। यह घर में खुशियां लाते हैं।
5. गोमती चक्र और कोड़ियां : इस दिन बच्चों की सुरक्षा के लिए गोमदी चक्र और धन समृद्धि बढ़ाने के लिए कोड़ियां खरीदते हैं।
6. झाड़ू : इस दिन झाडू खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे वर्षभर के लिए घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है।

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