मकर संक्राति पर बन रहे हैं सम योग

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सवत्‌ 2064 शके 1930 बुधवार 14 जनवरी 2009 पौष मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सूर्य नारायण मकर राशि में 11.30 पर बव करण होने से संक्रांति बैठी स्थिति में है। इसका फल मध्यम माना गया है, इस बार संक्रांति वाहनादि प्रकार की है।

वाहन-सिंह, उपवाहन-गज, फल-भय, वस्त्र-सफेद, शस्त्र-बन्दूक, पात्र-सुवर्ण, भक्ष्य-अन्न, लेपन-कस्तूरी, जाति-देव, पुष्प-सफेद कमल, वस्त्र-विचित्र और अवस्था-बाल है। संक्रांति 30 मुहूर्त की होने से सम है। यानी भाव आदि सम रहे। प्रचलन में हैं कि संक्रांति जिन वस्तुओं पर आती है वह वस्तुएँ महँगी हो जाती है। जाति देव होने से सज्जन पुरुषों को कष्ट रहता है। अवस्था बाल होने से बालकों को कष्ट बढ़ सकता है। इसके अनिष्ट प्रभाव से बचने के लिए गाय को चारा, नि:शक्त व वृद्ध, असहाय दरिद्रनारायण को वस्त्र, कंबल, मच्छरदानी यथाशक्ति दान देना चाहिए।

राशिनुसार कैसी रहेगी मकर संक्रांति जानें-

मेष- इन राशि वालों के लिए ज्ञान वृद्धि, विद्यार्थी वर्ग के लिए शुभ है।

वृषभ- इस राशि वालों के लिए कलह का कारण बन सकता है।

मिथुन- इन्हें लाभदायक होने से प्रत्येक क्षेत्र में लाभ रहे, धनादि की प्राप्ति हो।

कर्क- इनके लिए संतोषप्रद ‍िस्थति रहेगी।

सिंह- लाभदायक होने से बेरोजगार रोजगार पाएँ। व्यापार में प्रगति के साथ लाभ रहे।

कन्या- इस राशि वालों के लिए हानिप्रद रहे। अतः इन्हें धन के मामलों मे सावधानी रखना होगी।

तुला- इनके लिए लाभप्रद रहे।

वृश्चिक- इनके लिए इष्ट सिद्धिदायक रहे।

धनु- धर्म लाभ, भक्ति भाव में मन लगे।

मकर- इन राशि वालों के लिए कष्ट रहे, अस्वस्थ हो तो सावधानी बरते।

कुंभ- इस राशि वालों के लिए मान-प्रतिष्ठा बढ़े, सुखद कार्य हो।

मीन- इनके लिए भयप्रद है, जोखिम के कार्य से बचे।

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