हिन्दू धर्म संस्कृति में सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व माना गया है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं सूर्य चालीसा का संपूर्ण पाठ, अवश्य पढ़ें...
दोहा
कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।।
चौपाई
जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर।