बुधवार को आने वाले संक्रांति को मन्दाकिनी कहा गया है। बुधवार को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी लगेगा जो अगले दिन सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र उग्र संज्ञक है जिसे व्यापार करने, शोध कार्य करने, खोज करने, भट्टी लगाने सर्जरी करने आदि के लिए शुभ बताया गया है जबकि उत्तरा फाल्गुनी ध्रुव अर्थात स्थिर संज्ञक है जिसे भवन निर्माण कार्य, बागवानी, कृषि कार्य, गृहप्रवेश, नौकरी ज्वाइन करने, उपनयन संस्कार आदि के लिए शुभ बताया गया है।
इस संक्रांति को परिधावी संवत्सर में माघ कृष्ण पंचमी रहेगी, योग शोभन और करण तैतिल रहेगा। सिंह राशि में चंद्र और कुंभ लग्न, मकर में सूर्य होंगे। कारण तैतिल है जिसे चर करण कहते हैं। इसका प्रतीक गधा है। इसे अशुभ फलदायी सुप्त अवस्था का करण माना जाता है। हालांकि इसमें यात्रा का विचार नहीं करते।
शोभन योग : शुभ कार्यों और यात्रा पर जाने के लिए यह योग उत्तम माना गया है। इस योग में शुरू की गई यात्रा मंगलमय एवं सुखद रहती है। मार्ग में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती जिस कामना से यात्रा की जाती है वह भी पूरी होकर आनंद की अनुभूति होती है। इसीलिए इस योग को बड़ा सजीला एवं रमणीय भी कहते हैं।