मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को है। मत मतांतर से इसे 15 जनवरी को भी मनाया जा रहा है... मकर संक्रांति का शुभ पर्व सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य मकर राशि में आते हैं। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति का पर्व दान-पुण्य का पर्व माना गया है। मकर संक्रांति को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन खिचड़ी खाना और इसका दान करना श्रेष्ठ माना गया है। वहीं कुछ स्थानों पर पतंग उड़ाने का भी रिवाज है।
जीवन में सूर्य का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में इसे आत्मा का कारक कहा गया है। सूर्य ऊर्जा है। जीवन में ऊर्जा का क्या महत्व है सभी जानते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा का कहा गया है। सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं। आइए जानते हैं सूर्य से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें...
सूर्य के चक्कर लगाते हैं सभी ग्रह
सिंह राशि के स्वामी सूर्य को सौरमंडल का सबसे प्रभावी तारा माना गया है। सौरमंडल के सभी 9 ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं। खगोलशास्त्र के अनुसार सूर्य का व्यास लगभग 13 लाख 90 हज़ार किलोमीटर है।
सूर्य पृथ्वी से कितना बड़ा है
सूर्य पृथ्वी से लगभग 109 गुना बड़ा है। इसके बारे में कहा जाता है कि सूर्य हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। जिस कारण इसमें ऊर्जा का असीमित भंडार भरा हुआ है। सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा का बहुत छोटा भाग ही पृथ्वी पर पहुंचता है। यही ऊर्जा पृथ्वी पर मौजूद पानी के 30 प्रतिशत हिस्से को भाप बनाने के काम आती है।
पृथ्वी से सूर्य की दूरी
सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग 14,96,00,000 किलोमीटर है। यही वजह है कि पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पहुंचने में 8।3 मिनट का समय लगता है।
सूर्य से होती है प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया
सूर्य मनुष्य के लिए ही उपयोग नहीं है बल्कि सूर्य का महत्व पेड़ पौधों के लिए भी बहुत है। सूर्य की प्रकाशीय ऊर्जा से ही प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होती है, जो पेड़ पौधों के लिए बहुत ही जरूरी है। पृथ्वी पर जीवन का आधार भी इसे ही माना गया है।
ज्योतिष में सूर्य का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य को सिंह राशि का स्वामी माना गया है। सूर्य पद, प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास के कारक हैं। सूर्य देव जब शुभ फल देते हैं तो व्यक्ति को उच्च पद प्राप्त होता है। ऐसे लोग समाज में लोकप्रिय होते हैं। इनका आत्म विश्वास बहुत उच्च रहता है, ऐसे लोग किसी के अधीन नहीं रहना चाहते हैं ये राजा की तरह कार्य करना चाहते हैं। अशुभ होने पर सूर्य अपयश प्रदान करते हैं साथ ही आंख से जुड़ी परेशानी भी देते हैं।
मकर संक्रांति के पर्व पर इस मंत्र का जाप करें
मकर संक्रांति के पर्व पर सूर्य मंत्र का जाप करें। स्नान करने के बाद सूर्य देव को इस मंत्र से जल अर्पित करें, ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।