मंगलवार को मंदिर में महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है। हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद शुद्ध घी में बनाया जाता है। कुछ भक्त आवश्यकता से अधिक भोजन ले लेते हैं। भोजन परोसते समय भक्तों से आग्रह किया जाता है कि वे थाली में उतना ही भोजन लें जितना वे ग्रहण कर सकें। फिर भी कुछ लोग जरूरत से ज्यादा भोजन ले लेते हैं। इस कारण यह बर्बाद होता है। महाप्रसाद के दौरान जब कुछ भक्त भोजन फेंक रहे थे तब उनसे इसे ग्रहण करने का आग्रह किया गया।
ट्रस्टियों ने सेवादार नीलेश पवार, नयन दाभाड़े, सुनील चव्हाण, विशाल दाभाडे, अक्षय राजपूत के कार्यों का जायजा लिया। इन सभी को ट्रस्टियों ने सम्मानित किया। इस मौके पर भोजनगृह प्रमुख प्रधान हेमंत गुजराती मौजूद रहे।