Mangal Grah Mandir Amalner : अमलनेर। कहते हैं कि मांगलिक लड़की का विवाह मांगलिक लड़के से नहीं किया गया तो जीवन में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। मांगलिक दोष को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांत धारणाएं हैं और लोग इसको लेकर डरते हैं। क्या है मांगलिक दोष और क्या इससे डरना चाहिए या नहीं। चलिए जानते हैं।
क्या होता है मांगलिक दोष: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मंगल आकर बैठे हों तो वह व्यक्ति मांगलिक कहलाता है। कुंडली में मंगल तीन प्रकार का माना गया है- सौम्य मंगल, मध्यम मंगल और कड़क मंगल। कुंडली में मंगल ग्रह किसी शुभ ग्रह के साथ या उस पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही है तो वह सौम्य मंगल कहलाता है। मंगल ग्रह के साथ कोई पापी ग्रह विराजमान हो या उस पर उन ग्रहों की दृष्टि हो तो वह कड़क मंगल कहलाता है। मंगल यदि शुभ ग्रहों के साथ बैठा और उस पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि है या इसके विपरीत है तो वह मध्यम मंगल कहलाता है।
उल्लेखनीय है कि सौम्य और मध्यम मंगल का दोष 28 वर्ष की उम्र के बाद स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
मंगल खासकर चौथे, सातवें और आठवें भाव में ज्यादा प्रभावी माना गया है।
यदि आपकी कुंडली में मंगल 4थे, 7वें और 8वें भाव में अशुभ का होकर बैठे हैं तो आप उपाय करके इस समस्या से मुक्त हो सकते हैं।
4 डिग्री से 26 डिग्री का मंगल ही प्रभावकारी होता है बाकी का नहीं।
मेष, कर्क, वृश्चिक राशि वाले लोगों में भी मंगल दोष जीवनभर के लिए नहीं रहता।
मांगलिक दोष से डरे या नहीं : कहते हैं कि मंगल का काम ही होता है मंगल करना। मंगल किसी का अमंगल तब तक नहीं करता जब तक की जातक बुरे कामों में लिप्त नहीं रहता है। बुरे कर्मों का परिणाम तो बुरा ही होता है। अत: मांगलिक दोष से डरने की जरूरत नहीं है। यदि जातक हनुमानजी और मंगल देव की शरण में हैं तो उसे मंगल दोष के परिणाम की चिंता नहीं करना चाहिए।
मंगल दोष का निवारण अमलनेर में एकदम सटीक उपाय:-
यदि आप मांगलिक दोष से पीड़ित हैं और विवाह में रुकावट आ रही हैं या विवाह नहीं हो पा रहा है तो आपको अमलनेर स्थित मंगल ग्रह के मंदिर में जाकर पूजा और अभिषेक कराना चाहिए। यदि आपका मंगल सौम्य है तो सामूहिक अभिषेक करा सकते हैं और यदि आपका मंगल मध्यम है तो आप स्वतंत्र या एकल अभिषेक करा सकते हैं, परंतु यदि आपका मंगल कड़क है तो आप हवनात्मक पूजा और अभिषेक कराएं।
अमरनेर के मंगल ग्रह मंदिर में जाकर आपके मंगल दोष का निवाण तुरंत ही हो जाता है। यहां भक्तों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं निशुल्क है। इसी के साथ यहां पर बहुत ही कम दक्षिणा में अभिषेक और पूजा की जाती है। अभिषेक या पूजा के लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं। यहां जाकर अभिषेक कराने के बाद आपको जीवन में और किसी भी प्रकार के उपाय या अनुष्ठान करने की जरूरत महसूस नहीं होती है। आप यहां जब तक नहीं जा पा रहे हैं तब तक के लिए आप निम्नलिखित उपाय आजमा सकते हैं।
लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।
ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाए तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।
बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।
लाल वस्त्र लेकर उसमें दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
मंगल के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु मंगलवार का दिन, मंगल का नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा शुभ होते हैं।
लाल किताब के अचूक उपाय | lal kitab ke achuk totke upay:
लाल किताब कहती है कि अगर कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए।
व्यक्ति को मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
अगर आठवें खाने में मंगल पीड़ित है तो किसी विधवा स्त्री से आशीर्वाद लेना चाहिए।
यदि चौथे भाव में मंगल है तो क्रोध न करें और माता का आशीर्वाद लेते रहें।
कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तवे पर ठंडे पानी के छींटे डालकर रोटी बनानी चाहिए।
हनुमानजी की भक्ति करें। हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि पढ़ें।
मंगल खराब की स्थिति में सफेद रंग का सूरमा आंखों में डालना चाहिए।
गुड़ खाना चाहिए।
भाई और मित्रों से संबंध अच्छे रखना चाहिए। क्रोध न करें।
लाल वस्त्र में सौंफ बांधकर शयन कक्ष में रखें।
बंधुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराएं।
बंदरों को गुड़ और चने खिलाना चाहिए।
गाय को चारा व जल पिलाकर सेवा करें।
गाय पर लाल वस्त्र ओढ़ाएं।
मंगल से पीड़ित व्यक्ति ज्यादा क्रोध न करें।
अपने आप पर नियंत्रण रखें, आपा न खोएं।
किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं दिखाएं।
किसी भी प्रकार के व्यसनों में लिप्त नहीं होना चाहिए।
तांबा, गेहूं एवं गुड़, लाल कपड़ा और माचिस का दान करें।
तंदूर की मीठी रोटी दान करें।
बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहाएं।
मंगलदेव के मंदिर में मसूर की दाल और गुड़ दान में दें।
हनुमान मंदिर में ध्वजा और चले दान करें।
नोट : इनमें से कुछ उपाय विपरीत फल देने वाले भी हो सकते हैं। कुंडली की पूरी जांच किए बगैर उपाय नहीं करना चाहिए। किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।
कैसे पहुंचे श्री मंगल देव मंदिर अमलनेर महाराष्ट्र | how to reach shri mangal dev graha mandir amalner maharashtra:
- जलगांव से अमलनेर की दूरी | jalgaon to amalner distance: यहां पहुंचने के लिए आप महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचे। अमलनेर जलगांव जिले में ही स्थित एक गांव है। अमलनेर जलगांव से 58.1 किमी दूर है।
- धुले से अमलनेर की दूरी | dhule to amalner distance: आप यहां जाना चाहते हैं तो धुले नामक शहर पहुंचकर भी यहां से सड़क मार्ग से जा सकते हैं। धुले अमलनेर 36.4 किलोमीटर की दूरी पर है।
- अमलनेर से मंगलदेव मंदिर की दूरी | amalner to mangal dev mandir distance: अमलनेर गांव से श्री मंगल ग्रह के लिए मंदिर रास्ता करीब 2.5 किलोमीटर दूर का है। मंदिर तक के लिए कई वाहन उपलब्ध हैं।
पूरा पता है- मंगल ग्रह मंदिर, चौपड़ा रोड़, धनगर गली, अमलनेर, जिला जलगांव, महाराष्ट्र-425401 | Mangal Grah Mandir, Chopra Rd, Dhangar Galli, Amalner, Maharashtra 425401