बच्चे का भविष्य उनके आज पर निर्भर करता है। उनकी वर्तमान आदतें, संस्कार, बौद्धिक क्षमता और तौर-तरीके ही उनके कल का निर्माण करते हैं। इसलिए जब भी बात हो बच्चों के उज्जवल भविष्य की, तो परखें कि यह 5 बातें उनमें हैं या नहीं। और अगर नहीं हैं, तो उनमें यह आदतें जरूर डालें -
1 संवेदनाएं - यूं तो बच्चे बेहद संवेदनशील होते हैं, लेकिन यह संवेदनाएं उनमें बनी रहें इसके लिए आपको उन्हें संवेदनाओं को मैनेज करना सिखाना होगा। उनमें दूसरों की मदद करना, तकलीफ को समझना, खुशियों को समेटना और बांटना जरूर सिखाएं, ताकि वे एक बेहतर इंसान बन सकें।
2 प्रार्थना - प्रार्थना का अर्थ है, खुद से या खुद के लिए ईश्वर से बात करना। बच्चों को खुद से एवं ईश्वर से बात करना सिखाएं। उन्हें यह सिखाएं कि जीवन में अपने सवालों के जवाब उन्हें खुद ही ढूंढने होंगे, जिसके लिए मानसिक तौर पर तैयार एवं शांत रहना आवश्यक है। यह क्षमता प्रार्थना से आती है।