Tummy time Alternatives For Babies- शिशु लगभग 6 महीने में घुटनों के बल चलना शुरू कर देते हैं, लेकिन इससे पहले वे एक ही स्थान पर लेटकर अपने हाथ-पैरों को चलाते रहते हैं। इस दौरान बच्चे धीरे-धीरे खुद अपने पेट के बल पलटना भी सीख जाते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि शिशुओं के पेट के बल लेटना उनकी ग्रोथ के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
डॉक्टर्स भी नवजात शिशुओं को रोजाना थोड़ी देर पेट के बल लेटने की सलाह देते हैं, जिसे आम भाषा में टमी टाइम भी कहा जाता है। कई शिशु ऐसे भी होते हैं, जिन्हें पेट के बल लेटना बिल्कुल पसंद नहीं होता है, जैसे ही पेरेंट्स उन्हें पेट के बल लेटाते हैं उनका रोना शुरू हो जाता है।
क्यों जरूरी है टमी टाइम? - Why Tummy Time Is Important For Babies in Hindi
टमी टाइम का मतलब होता है, जागते हुए शिशु को पेट के बल लिटाना। ऐसा माना जाता है कि शिशुओं को इस पॉजीशन में लिटाने से उनके ओवरऑल डेवलपमेंट में मदद मिलती है। शिशुओं के बेहतर विकास और स्वास्थ्य के लिए टमी टाइम बेहद जरूरी होता है।
एक अध्ययन के अनुसार, बच्चे के लिए टमी टाइम जरूरी है, क्योंकि यह उनकी गर्दन और कंधे की मांसपेशियों के विकास में मदद करता है, फ्लैट हेड सिंड्रोम के जोखिम को कम करता है और बॉडी की स्ट्रेंथ को बढ़ाने का काम करता है और उनके शरीर के विकास में मदद करता है।
टमी टाइम के विकल्प क्या हैं? - Alternatives Of Tummy Time For Babies in Hindi
एक तकिया (Tummy Time Pillow) लें और इसे फर्श या बिस्तर पर रख दें और अपने बच्चे को उसके ऊपर पेट के बल लेटा दें।
अपने हाथों का सहारा देते हुए शिशु को पेट के बल हाथ पर पेट के बल लेटाएं और घुमाएं।
अपनी एड़ियों को मोड़कर बैठ जाएं और शिशु को पेट के बल उसके ऊपर लिटा दें।
टमी टाइम के फायदे - Benefits Of Tummy Time For Babies in Hindi
बच्चे की गर्दन, कंधे और हाथ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
बच्चे की मोटर कौशल यानी मांसपेशियों को कंट्रोल करने की क्षमता में सुधार करता है।
शिशु के सिर को फ्लैट होने से रोकता है।
शिशुओं के लिए टमी टाइम बहुत जरूरी है, इसलिए अगर आपका बच्चा पेट के बल लेटाने पर रोता है तो आप उन्हें टमी टाइम देने के लिए डॉक्टर के बताए अन्य विकल्पों को ट्राई कर सकते हैं। थोड़ी देर के लिए ही सही, लेकिन दिन में कई बार बच्चे को टमी टाइम दें।
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