जावेद अख्तर ने कहा कि ‘कविता का जो रास्ता सीधा, सच्चा, सहज और सरल होता है, वही सीधे दिल तक पहुंचता है। आलोक के पास वही ज़बान है इसीलिए उनकी शायरी, उनकी कविता सीधे दिल तक पहुंचती है। चंद सालों में एक नौजवान ग़ज़लकार की किताब का चौथा संस्करण आ जाना इसका सबूत है।’ कार्यक्रम का संचालन पत्रकार और लेखिका डॉ. वर्तिका नन्दा ने किया। इस मौक़े पर राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक माहेश्वरी भी मौजूद थे।