गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने दिल्ली में एक समारोह में 'गांव की सेल्फी' नाम की एक नई तरह की पत्रिका का लोकार्पण किया। गैरसरकारी संस्था साथी संस्था के पर्यावरण दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में जल, जंगल और जमीन से जुड़ी 'गांव की सेल्फी' के इस अंक को विकास पत्रकारिता की एक मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है।
'गांव की सेल्फी' के हर अंक में एक नई अतिथि संपादक रहेंगी और एक नया विषय भी। इस अंक की संपादक मीनाक्षी लेखी हैं। एक प्रभावी वक्ता, वकील और सांसद के तौर पर वे भारतीय सरोकारों पर लगातार चिंता जताती रही हैं।
इस अंक को भूमि अधिग्रहण बिल पर केंद्रित किया गया है। पत्रिका की संपादक रश्मि सिंह और वर्तिका नन्दा का कहना है कि 'गांव की सेल्फी' देश के हर 'गांव की सेल्फी' है और इसका मकसद गांवों में पत्रकारिता की मुहिम चलाते हुए उन चर्चाओं को इस चौपाल में शामिल करना है जिसके लिए मुख्यधारा मीडिया के पास समय ही नहीं है। इसमें गांव की महिलाएं खुद खबर लिखेंगी और पत्रकार के तौर पर मुद्दों पर अपने सरोकार रखेंगी।