कोलकाता। दुनिया में हम जो दृश्य देखते हैं उनके भाव व चित्र हमारे मानस पटल पर बनते हैं किन्तु ईश्वर ने चित्रकार को वह सामर्थ्य प्रदान किया है कि वह उन्हें चित्रों में अभिव्यक्त करे। उसकी अभिव्यक्ति एक प्रकार से सभी के भावों की ही होती है। कई भाव ऐसे होते हैं जिन्हें शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता उन्हें मूर्त स्वरूप में हम कलाओं में देखते हैं।
कलाकार शब्दातीत ईश्वर प्रदत्त भावों की अभिव्यक्ति कैनवास पर करता है। यह कहना है सिम्पलेक्स के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. विट्ठलदास मूंधड़ा का। उन्होंने यह बात सिटी आर्ट फैक्टरी की ओर से इंडिया कौंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (आईसीसीआर) की जामिनी राय गैलरी में समकालीन कलाकारों की चित्रकला एवं मूर्तिकला की प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में कही।
प्रदर्शनी में तनवीर बेग, अजहर सईद, अस्मां खान, अपर्णा बनर्जी, देवश्री विश्वास, सैबाल मुखर्जी, अंजन साहू, हरप्रसाद चटर्जी, सौरभ दत्ता, कृष्णाकोलि भूनिया, टुलटुल मलाकार, निलय विश्वास, सुशांत पाराल, मधुमिता दासगुप्ता, देवदास मजुमदार, संध्याश्री निगम घोष, मोइनुल हसन, संजीव नारायण दत्ता आदि की कलाओं की प्रदर्शनी 26 से 30 नवंबर 2014 तक चली तथा लोगों ने प्रदर्शनी में लगी कृतियों में गहरी रुचि दिखाई।