मिजोरम में 81 प्रतिशत मतदान

सोमवार, 25 नवंबर 2013 (19:36 IST)
FILE
एजल। मिजोरम की 40 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनावों के लिए सोमवार को लगभग 81 प्रतिशत मतदान हुआ और मतदान शांतिपूर्ण रहा।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी कुमार ने कहा कि 81 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यहां मतदान साढ़े तीन बजे खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण था।

एजल के कई मतदान केंद्रों पर दोपहर तक धीमा मतदान देखा गया। वहीं यहां के मिशन वेंग और थाकथिंग इलाकों में मतदान शुरू होने से पहले ही लंबी लंबी कतारें लगी देखी गईं। मुख्यमंत्री लल थनहवला और उनकी पत्नी लल रिलीयनी ने जरकाव्त इलाके के बाबुतलांग में स्थित जरकाव्त-दो मतदान केंद पर मतदान किया।

मुख्यमंत्री और उनके 11 मंत्री चुनावी मैदान में खड़े कांग्रेस के 142 उम्मीदवारों में शामिल हैं। मतदान करने के बाद लल थनहवला ने कहा कि उन्हें राज्य में सत्ता में बने रहने का भरोसा है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अधिक नहीं तो कम से कम हम उतनी (32) सीटों के साथ पूर्ण बहुमत पाकर सत्ता में बने रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग विकास कार्यों और एक स्वच्छ सरकार देने के लिए कांग्रेस को सत्ता में देखना चाहते हैं।

चर्च द्वारा चुनाव की निगरानी के लिए नियुक्त मिजोरम पीपुल्स फोरम (एमपीएफ) के कड़े निर्देशों की वजह से मतदान केंद्रों के सामने माहौल पूरी तरह शांत था। सत्तासीन कांग्रेस और विपक्षी मिजोरम डेमोक्रेटिक एलायंस राज्य की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन में एमएनएफ, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस और मारालैंड डेमाक्रेटिक फ्रंट जैसी पार्टियां शामिल हैं।

लुंगलेई दक्षिण के अलावा राज्य की सभी विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। महिलाओं ने इन चुनावों में मतदान के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। यहां 350333 महिलाओं और 3,40,527 पुरुषों ने मतदान किया।

मिजोरम के 10 विधानसभा क्षेत्रों में इन चुनावों में पहली बार देश में बड़े पैमाने पर वीवीपीएटी प्रणाली (वोट वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रायल सिस्टम) का इस्तेमाल किया गया। इसके द्वारा मतदाताओं को उनके वोट से संबंधित पर्ची मिली। इससे मतदाता इस बात की जांच कर सकते हैं कि उनका मत उसी को गया जिसे वह देना चाहते हैं। (भाषा)

एजल। मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए आज सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी मिजोरम डेमोक्रेटिक अलायंस ने सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। विपक्षी गठबंधन में एमएनएफ, मिजोरम पीपुल्स कान्फ्रेंस और मारालैंड डेमोक्रेटिक अलायंस शामिल हैं।

मैदान में कुल 142 उम्मीदवारों में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री ललथनहवला और उनके सभी 11 मंत्री अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कुल 6,90,860 मतदाताओं में से महिलाओं की संख्या 3,50,333 है और पुरुषों की संख्या 3,40,527 है।

देश में पहली बार राज्य के दस विधानसभा क्षेत्रों में मतदान करने की पर्ची (वीवीपीएटी) प्रणाली का बड़े स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। इससे पहले नगालैंड में सितंबर महीने में हुए विधानसभा उपचुनाव में पहली बार इसका प्रयोग किया गया था।

मुख्यमंत्री ललथनवाला (कांग्रेस) सेरचिप और इससे सटी हरांगतुजरे सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं विपक्षी एमएनएफ के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जोरमथंगा म्यांमा सीमा से सटी पूर्वी तुइपुइ सीट से किस्मत आजमा रहे हैं।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में 32 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार अपने 31 वर्तमान विधायकों पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। पार्टी ने केवल निरपम चकमा का टिकट काटकर उनकी जगह चकमा स्वायत्त जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य बीडी चकमा को चुनावी मैदान में उतारा है।

राज्य में छह महिला उम्मीदवार भी खड़ी हुई हैं। इनमें से भाजपा ने तीन उम्मीदवारों और कांग्रेस एवं एमएनएफ ने एक-एक महिला उम्मदीवार को टिकट दिया है। इसके अलावा एमएनएफ की एक बागी उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रही हैं।

राज्य में 1,126 मतदान केंद्र हैं जिनमें से 94 को ‘संवेदनशील’ के रूप में चिह्नित किया गया है और इन केंद्रों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस की सात सशस्त्र बटालियनों के अलावा पड़ोसी राज्यों की पुलिस एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 31 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।

मामित जिले में मिजोरम, त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच की 64 किलोमीटर खुली सीमा के अलावा राज्य के सीमाई क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।

इसके अलावा जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (38 सीट), भाजपा (17 सीट), राकांपा (दो) और जय महा भारत पार्टी (एक) भी चुनावी मैदान में हैं। चार निर्दलीय उम्मीदवार भी इस बार चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें