आईफोन: मोबाइल बाज़ार की सबसे बड़ी हलचल

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सोवियत संघ के अस्तित्त्व के दौरान पश्चिमी सामान की कम उपलब्धता होने की वजह से रशियन लोग अक्सर अपने अमरीकी दोस्तों या रिश्तेदारों से आवश्यक सामान मंगवाया करते थे। लेकिन आज स्थिति कु्‍छ और है। आज ऐसी कोई सामग्री नहीं जो वहाँ प्राप्त ना हो सके सिवाय एक चीज़ के।

वह है एपल की नई पेशकश- एपल का नया स्लिक आईफोन।इस आईफोन का विक्रय 11 जुलाई से होना था और जल्द ही यह फोन 70 देशों के बाज़ारों में उतार दिया जाएगा। लेकिन शायद रूस और चीन उन में शामिल नहीं हो सकेंगे क्योंकि एपल का वहाँ के मोबाइल सेवा प्रदाताओं से सौदा निश्चित होना अभी शेष है।यही वजह है कि रूस और चीन का मोबाइल बाज़ार एपल के पुराने आईफोन से भी वंचित रह गया था

विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार अमरीका में आईफोन उपभोक्ताओं की संख्या रूस और चीन से ज़्यादा पाई गई है। जबकि सच तो यह है कि दोनों ही देशों में आईफोन को बहुत पसंद किया जा रहा है। यहाँ तक कि रूस के राष्ट्रपति को भी इसका उपयोग करते देखा गया है।

मॉस्को और बीजिंग तो आईफोन व्यापारियों के लिए स्वर्ग की तरह है। रूस की वेबसाइटस् ने नए 3जी आईफोन के लिए $1,200 तक का प्रस्ताव रखा है। यह अमरीका में इसकी मूल कीमत ($199) से 6 गुना अधिक है। एपल का पहला 8 गिगाबाइट आइफोन भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। यहाँ के मोबाइल उपभोक्ताओं की मानें तो यह आईफोन ठीक से मोल-भाव करने पर $775 में भी प्राप्त हो सकता है

मॉस्को के एक मोबाइल अनुसंधान समूह के सदस्य एलडर मुर्ताज़िन के अनुसार इन आईफोनों को लोग भारी मात्रा में यहाँ ला रहे हैं और वह भी बिना कोई कस्टम फीस अदा किए।चीन की एक ऑनलाइन नीलामी करवाने वाली वेबसाइट टाओबाओ.कॉम ने 16 गिगाबाइट वाले मॉडल के लिए $1,370 का प्रस्ताव रखा था।

एपल ने अभी रूस और चीन में अपने आईफोन के उपयोग के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। एपल के सीईओ के अनुसार उनकी अभी दोनो देशों के मोबाइल सेवा प्रदाताओं से चर्चा जारी है।

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