शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को 'शनिचरी अमावस्या' कहा जाता है। इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है, परंतु इस दिन शनिदेव का पूजन विधि-विधान से करना चाहिए। यदि सिद्ध विधि से पूजा की जाए तो अवश्य ही लाभ मिलता है।
शनि मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:।'
इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के समय शनिदेव को तेल अर्पित करते रहना चाहिए। इसके बाद तेल के दीपक से आरती करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।