मां पर हिंदी में कविता : माँ आचमन है, माँ उपवन है...

मधु टाक
 
सर्वश्रेष्ठ कृति माँ
 
माँ अर्थ है रिश्तों का
माँ नाम है भरोसे का
   माँ उपवन है
    माँ निर्वहन है
     माँ आचमन है
      माँ उपवन है
        माँ मधुबन
 
शब्दों का आधार है माँ
गीता का समूचा सार है माँ 
ईश्वर जिसमें छुपकर बैठा प्रकृति का वो आभार है माँ 
 
सारे जग से न्यारी है माँ 
फूलों की क्यारी है माँ 
सुर की साधना है जिसमें 
ऐसी मीठी लोरी है माँ
 
फूलों का एहसास है माँ
जीवन का विश्वास है माँ
रिश्तों में जो भर दे माधुर्य 
ऐसा ही मधुमास है माँ
 
ईश्वर का वरदान है माँ
मधु से मधुर ध्यान है माँ
आत्मा को परमात्मा से मिला दे
पूजा का ऐसा विधान है माँ 
 
मातृत्व का दैदिप्यमान है माँ
सतीत्व का स्वाभिमान है माँ 
सब विधाओं से अलग 
अध्यात्म का सोपान है माँ 
 
 धनुष की रंगत है माँ 
संतों की संगत है माँ 
सत्यता का बोध कराती 
धरती पर भगवान है माँ
 
फूलों की फुलवारी है माँ
करती घर की रखवारी है माँ 
काँटों से जो इत्र बना दे
ऐसी जादू वारी है माँ 
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